लखनऊ: राजधानी में स्थित श्रीरामकृष्ण मठ, निराला नगर में बुद्ध पूर्णिमा उत्सव पूरे हर्ष एवं भक्ति के साथ मनाया गया. इस अवसर पर अवसर पर भक्तजनों ने आश्रम के यूट्यूब चैनल ‘रामकृष्ण मठ ' के माध्यम से पूजन कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए.
रामकृष्ण मठ निरालानगर में मनाई गई बुद्ध पूर्णिमा, भक्तों ने किया ऑनलाइन दर्शन - buddhism
लखनऊ के निराला नगर स्थित श्रीरामकृष्ण मठ में बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव बड़े हर्ष के साथ मनाया गया. कोरोना वायरस की वजह से चल रहे कोरोना कर्फ्यू के कारण भक्तों ने ऑनलाइन इसका लुत्फ उठाया.
बुद्ध चरित प्रज्ञापारमिता सूत्र का हुआ पाठ
संध्या आरती के पश्चात स्वामी इष्टकृपानन्द जी ने बुद्ध रचित प्रज्ञापारमिता सूत्र प्रस्तुत की. साथ ही साथ पूजा एवं आरती ब्रह्मचारी अनादिचैतन्य द्वारा हुई . मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने बताया कि पूजन का ऑनलाइन प्रसारण भी किया गया. मठ केअध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने भगवान गौतम बुद्ध एवं बौद्ध धर्म पर प्रवचन दिया. प्रवचन में कहा कि ईश्वर के साक्षात अवतार भगवान बुद्ध के आगमन का मुख्य उद्देश्य मानव के अन्दर मे सुप्त देवत्व गुण जगाना था.
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मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथनन्द ने कहा कि भगवान मनुष्य शरीर धारण करते हैं ताकि मनुष्य भगवान जैसा बन सकें. उन्होंने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध ने चार आर्य सत्य का अविष्कार किया था. दुःख है, दुःख का कारण है, दुःख का निदान है, यह वही मार्ग है जिससे दुख का निदान होता है. वह संसार त्याग करके सारे दुनिया से दुःख का निदान करने के लिए एक अभिनव धर्म का प्रवर्तन किया, जिसके बारे में स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि ‘बौद्ध धर्म ऐतिहासिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण धर्म है क्योंकि वह संसार में घटित होने वाला वृहत्तम धर्मिक आन्दोलन था, मानव समाज पर फूट पड़ने वाली विराटतम आध्यात्मिक लहर थी’.