लखनऊ:चुनावी मैदान में उतरने वाले हर दल को चुनाव जीतने के लिए युवा का सहारा जरूरी है. ऐसे में सभी पार्टियां युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के जतन में जुटी रहती हैं. ज्यादातर राजनीतिक दलों में यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष तक मनोनीत किए जाते हैं. इससे यह पार्टियां युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब होती हैं. अब अन्य राजनीतिक दलों की तरह ही बहुजन समाज पार्टी भी पहली बार यूथ विंग का गठन कर सकती है. कुछ दिन पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी में 50 फीसदी युवाओं को महत्व देने की बात कही थी. इसके बाद अब यूथ विंग का गठन करने की मांग शुरू हो गई है. पार्टी के पदाधिकारी यूथ विंग के गठन को लेकर मंथन कर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद मंथन कर रहे हैं. जल्द ही इस विंग के गठन पर मुहर लग सकती है.
बहुजन समाज पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसकी कोई विंग नहीं है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मायावती पूरी पार्टी मैनेज करती हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया है. आकाश आनंद राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को सपोर्ट करते हैं. अलग-अलग पार्टी की विंग्स गठित न होने के चलते राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इसका खामियाजा भी पार्टी को ही उठाना पड़ रहा है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बीएसपी की जो स्थिति हो गई है, उसका एक अहम कारण अलग-अलग विंग्स का न होना भी है.
जानकारों की मानें तो जिस पार्टी की अलग-अलग विंग्स होती हैं, वह अपने-अपने साथ नए लोगों को जोड़ती हैं. मतदाताओं को पार्टी के प्रति आकर्षित करती हैं. इसका सीधा फायदा पार्टी को चुनाव के दौरान मिलता है. मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी में कोई विंग न होने से नए लोग पार्टी के साथ जुड़ ही नहीं पाते हैं. इसका खामियाजा बहुजन समाज पार्टी को उठाना पड़ता है. अगर बहुजन समाज पार्टी युवा विंग का गठन करती है तो इसका फायदा आगामी चुनाव में पार्टी को जरूर मिल सकता है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने किया था इशारा
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह कहा था कि पार्टी युवाओं को और भी ज्यादा अहमियत देगी. पार्टी के साथ 50 फीसदी युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी. मायावती के इस कथन के बाद ही पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने ट्वीट कर यह जानकारी भी दी थी कि पार्टी में युवाओं को और ज्यादा महत्व दिया जाएगा. 50 फीसदी युवाओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.