लखनऊ:सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है. बैठक के जरिए विपक्ष नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करना चाहता है, लेकिन उससे पहले ही विपक्षी दलों की इस बैठक में फूट सामने आने लगी है.
अब बसपा प्रमुख मायावती ने इस बैठक से दूरी बना ली है. बसपा ने आरोप लगाया कि जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बसपा के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है.
ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में सोमवार को विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी. बसपा कहा कि वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है. केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी और असंवैधानिक कानून को वापस ले. साथ ही JNU व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भी सोनिया गांधी के द्वारा बुलाई विपक्षी दलों की इस बैठक से दूरी बना चुकी है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी बैठक में शामिल होने ले मना कर दिया है.