लखनऊ: यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) अगले साल हैं. ऐसे में बसपा की भी अंदरूनी तैयारियां जारी हैं. सत्ताधारी भाजपा को टक्कर देने के लिए पार्टी में रणनीति बन रही है. ऐसे में पार्टी अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर फोकस करेगी. साथ ही, बसपा टिकट बंटवारे में विधानसभावार सामाजिक-जातीय संतुलन साध कर जिताऊ प्रत्याशी पर दांव लगाएगी. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) की मानें तो नवम्बर के अंतिम सप्ताह में पार्टी अध्यक्ष मायावती (Bsp Chief Mayawati) पहली सूची जारी कर सकती हैं.
पहली लिस्ट में 160 से 180 टिकट पर लगेगी मुहर
यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं. इन पर बसपा के विधानसभा प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. यह जनता से संपर्क साध रहे हैं. बसपा सरकार में किए गए कार्यों का हवाला देकर बसपा प्रमुख को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन मांग रहे हैं. जोनल कॉर्डिनेटर, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव कई विधानसभा प्रभारियों को उनके क्षेत्र में बतौर प्रत्याशी उतार चुके हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक 70 फीसद टिकट विधान सभा प्रभारियों को ही मिलेंगे. अब तक 120 के करीब विधानसभा प्रभारी बतौर प्रत्याशी मैदान में कूद चुके हैं. वहीं आधिकारिक घोषणा बसपा प्रमुख करेंगी. नवम्बर अंतिम सप्ताह में आने वाली पहली लिस्ट में 160 से 180 नाम घोषित होने की उम्मीद है. वहीं लखनऊ जिले की विभिन्न सीटों से बसपा के सरवर मलिक, कायम रजा, जलीस खान, देवेन्द्र पासी, सलाउद्दीन सिद्दीक़ी बतौर प्रत्यशी जनसंपर्क साध रहे हैं.
9 अक्टूबर को बसपा ने किया था चुनावी शंखनाद
यूपी विधानसभा का कार्यकाल मार्च-2022 में समाप्त होगा. ऐसे में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं. भाजपा, सपा के बड़े नेताओं का दौरा जारी है. वहीं बसपा ने भी 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर बड़ी रैली कर चुनावी रणभेरी बजा दी है. लखनऊ में जुटी भारी भीड़ ने विपक्षी पार्टियों को भी चिंतन में डाल दिया है. वहीं 21 अक्टूबर से जमीनी स्तर पर संगठन का ढांचा मजबूत करने का काम चल रहा है.