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जैन धर्म के अनुयायियों के पक्ष में बसपा सुप्रीमो, कहा धार्मिक स्थलों की पवित्रता बरकरार रखें सरकारें - जैन धर्म

बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने पर झारखंड सरकार के साथ केंद्र सरकार को भी घेरा है. मायावती ने ट्विट करके जैन धर्म के अनुयायियों के आंदोलन और प्रदर्शन को दुखद और चिंतनीय बताया है. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों और तीर्थ स्थलों का अंतर बनाए रखने की अपील की है.

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Published : Jan 4, 2023, 11:22 AM IST

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Bahujan Samaj Party) और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister of Uttar Pradesh Mayawati) ने जैन धर्म के पवित्र स्थलों को लेकर इस धर्म के लोगों को हो रही परेशानियों पर झारखंड सरकार पर प्रहार (BSP attack on Jharkhand government) किया है. उन्होंने कहा (Mayawati said about Jainism) है कि सरकार इस धर्म के लोगों को परेशान कर रही है. जैन धर्म शांतिप्रिय धर्म है और अब इस धर्म के लोगों को भी अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है. यह बिल्कुल सही नहीं है. सरकारों को इस और विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है. मायावती ने जैन धर्म के पक्ष में ट्वीट किया है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati spoke on Jainism) ने अपने ट्वीट में कहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में अब जैन धर्म के लोगों को भी अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व पवित्रता के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में आंदोलित होकर इंडिया गेट सहित सड़कों पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. यह अति दुःख व चिंता की बात है. केंद्र व राज्य सरकारें टूरिज़्म के विकास आदि को बढ़ावा देने के नाम पर काॅमर्शियल दृष्टिकोण से जिन गतिविधियों को अंधाधुंध बढ़ावा दे रही हैं, उससे श्रद्धालुओं में खुशी कम व असंतोष ज्यादा है. सरकारें धर्म की आध्यात्मिकता और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बरकरार रखे तो बेहतर होगा.

बता दें, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren government of Jharkhand) ने गिरिडीह जिले में मौजूद श्री सम्मेद शिखरजी (Shri Sammed Shikharji) को पर्यटन स्थल के तौर पर घोषित किया है. इसके विरोध में जैन धर्म के लोग सड़कों पर उतरे हैं. इस समाज के लोगों का कहना है कि सरकार इस फैसले को वापस ले, क्योंकि सम्मेद शिखर एक तीर्थ स्थल है उसे पर्यटन स्थल घोषित नहीं करना चाहिए. जैन धर्म में इस पर्वत का बहुत महत्व है. इस धर्म के अनुयायियों के मुताबिक यहां करीब 20 तीर्थंकर ने मोक्ष प्राप्त किया है. इसलिए सम्मेद शिखर पूजनीय है. हेमंत सरकार के खिलाफ जैन धर्म के लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस तीर्थ स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित नहीं कराना चाहते, क्योंकि उन्हें लगता है कि जावे पर्यटन क्षेत्र घोषित हो जाएगा तो लोग यहां घूमने आएंगे. खाने पीने के साथ ही वर्जित वस्तुओं का सेवन भी करेंगे जिससे इस तीर्थ स्थल की पवित्रता घट जाएगी.

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