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बसपा सुप्रीमो ने चुनावी राज्यों के पदाधिकारियों के साथ की गहन समीक्षा, चुनावी तैयारी में जुटने के निर्देश - lucknow hindi news

बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी राज्यों के पदाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की. उन्होंने पदाधिकारियों को चुनावी तैयारी में जुटने के निर्देश भी दिए.

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बसपा सुप्रीमो मायावती

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Published : Jul 20, 2022, 4:04 PM IST

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर व पंजाब स्टेट पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की. इस दौरान उन राज्यों के ताजा राजनीतिक हालात, जातिवादी व साम्प्रदायिक माहौल, चुनावी तैयारियों और पार्टी संगठन के जमीनी कार्यकलापों, जनाधार को बढ़ाने के लिए गहन समीक्षा की.

मायावती ने राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विश्वासघाती व बिकाऊ सोच के लोगों को प्रश्रय न देकर ज्यादातर मिशनरी आधार पर ही पार्टी संगठन एवं प्रत्याशी आदि भी तैयार करने की सख्त नसीहत दी. जहां तक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा आम चुनाव का मामला है. दोनों ही राज्यों में बीएसपी को अपनी पूरी तैयारी करनी है और फिर समय पर चुनाव मैदान में उतरना है. पार्टी के कैडरों व समर्थकों की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करना है.

पंजाब प्रदेश में आम आदमी पार्टी की नई सरकार के रिमोट कंट्रोल से चलने के चर्चित आरोपों का संज्ञान लेते हुए मायावती ने कहा कि पार्टी के लोगों को अपना संघर्ष पहले की तरह ही लगातार जारी रखना है. चुनाव की जीत-हार से बहुत विचलित हुए बिना अपने मिशनरी कार्य में डटे रहना है.

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यूपी के वर्तमान हालात का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि बात-बात पर एनएसए जैसी गंभीर धाराओं में लोगों की गिरफ्तारी व परिवारों का उत्पीड़न दमन का नया सरकारी फैशन बन गया है. जिससे अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में अपनी विफलताओं पर पर्दा डाला जा सके, यह घोर अनुचित है. साथ ही मामूली बात पर व गैर-जरूरी होने के बावजूद लोगों की गिरफ्तारी कर लिए जाने की गलत सरकारी नीतियों से पूरे प्रदेश में भय व आतंक का माहौल है. जबकि सत्ताधारी पार्टी से अपने आपको जोड़ने वाले आपराधिक तत्व बेखौफ घूम रहे हैं, तो ऐसे में अपराध नियंत्रण व कानून का राज कैसे संभव है? कानून का खौफ सभी अपराधियों में जरूर होना चाहिए.

इसके अलावा अंधाधुंध गिरफ्तारी व लगभग असंभव होती जा रही जमानत का यह रोग गंभीर व चिन्ताजनक स्तर पर पहुंच गया है. इसके प्रति स्वयं देश के प्रधान न्यायाधीश चिन्तित होकर देश को आगाह करना पड़ा. सरकारें जितनी जल्दी अपनी कार्य प्रणाली में जरूरी सुधार ले आएं. गरीब और युवा महंगाई और बेरोजगारी से लाचार होते जा रहे जीवन से दुखी व त्रस्त हैं, इसीलिए सरकारें उन्हें और अधिक कष्ट देने के बजाय राहत पहुंचाने के मामले में जितनी जल्दी संवेदनशील व गंभीर हों उतना ही बेहतर होगा.

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बैठक में 'बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का मिशन अधूरा, बीएसपी करेगी पूरा' के संकल्प के साथ बीएसपी व इसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के अम्बेडकरवादी मूवमेंट को मजबूत करने का आह्वान किया. मायावती ने कहना कि विरोधी शक्तियां साम, दाम, दण्ड, भेद सभी प्रकार के हथकण्डों को इस्तेमाल करके इसे हर प्रकार का आघात पहुंचाने का अभियान लगातार जारी रखे हुए हैं.

चुनाव के समय यह प्रक्रिया और भी तेज हो जाती है, जिसमें दलित एवं उपेक्षित समाज के स्वार्थी लोगों का भी जुट जाना दुःखद ही नहीं बल्कि अति-दुर्भाग्यपूर्ण मामला है. सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मूवमेंट को किसी भी हालत में कमजोर नहीं होने देना और इसे आगे बढ़ाते रहने का मजबूत प्रयास ही समय की सबसे बड़ी मांग है. जिससे देश में मानवतावादी संविधान और इसका सच्चा लोकतंत्र जिन्दा रहकर देश के करोड़ों गरीबों व उपेक्षितों का भला हो सके.

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