लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती का आज जन्मदिन है. जिसको लेकर उनको कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने बधाई दी है. लेकिन इन सभी बधाइयों में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानि पीएसपीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की बधाई राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है. पूर्व सीएम अखिलेश के चाचा की बधाई इसलिए भी अहम है, क्यों कि सियासी गलियारों में 2022 के विधान सभा चुनावों के लिए ये चर्चा का विषय बन गयी है.
राजनीतिक गलियारों में शिवपाल की बधाई के सियासी मायने
शिवपाल सिंह यादव ने मायावती को ट्वीट कर उनके जन्मदिन की बधाई दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती को उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य, दीघार्यु और मंगलमय जीवन की कामना करता हूं.
राजनीतिक गलियारों में मायावती को शिवपाल की ओर से जन्मदिन की बधाई चर्चा का विषय बन गयी हैं. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि सपा की पिछले लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद इसबार बसपा से गठबंधन होना मुश्किल सा लग रहा है. ऐसे में पीएसपीएल और बसपा के गठबंधन के कयास तेज हो गये हैं. भले ही भागीदारी संकल्प मोर्चा को बनाने को लेकर सुभासपा सुप्रीमो ओमप्रकाश राजभर शिवपाल यादव से मिल चुके हों, लेकिन अभी पीएसपीएल ने इसकी पुष्टि नहीं की है. वहीं मायावती भी संकल्प मोर्चा के साथ फिलहाल जाने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में अगर बसपा-पीएसपीएल गठबंधन कर चुनाव लड़ती है तो दोनों ही पार्टियों के चुनाव परिणाम अलग ही होंगे.
माया ने अखिलेश के साथ किया था गठबंधन
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन किया था. जबकि शिवपाल इससे अलग थे. लोकसभा चुनाव में अखिलेश को तो कोई फायदा नहीं मिला, लेकिन मायावती शून्य से 10 सीटें जीतकर दहाई का आंकड़ा छू लेने में सफल हो गईं थीं. अखिलेश केवल अपना परिवार ही जिता पाये थे. ऐसे में अब मायावती को जन्मदिन की बधाई देकर शिवपाल यादव ने एक नया राजनीतिक दांव खेल दिया है. अगर शिवपाल और मायावती विधानसभा चुनाव 2022 में एक साथ मंच पर नज़र आते हैं, तो एकबार फिर उत्तर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ जायेगा. हालांकि इस गठबंधन से ज्यादा नुकसान भतीजे का ही होगा.