लखनऊ : निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को करारी शिकस्त मिली है. जिसके बाद मायावती ने पार्टी मुख्यालय पर बैठक बुलाई है. पदाधिकारी मुख्यालय पहुंचे तो उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं. वजह है कि जिनके कंधों पर चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी थी वह उसमें सफल नहीं हो पाए. अब उन्हें अपने ऊपर कार्रवाई का डर सता रहा है. निकाय चुनाव में आखिर बहुजन समाज पार्टी को मन मुताबिक सफलता क्यों नहीं मिल पाई, इसका कारण जानने के लिए "ईटीवी भारत" ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से बात की. बातों-बातों में पदाधिकारियों का कहना है कि 'बैलेट पेपर से चुनाव की जो मांग बहुजन समाज पार्टी ने की थी, अगर उसी से चुनाव होता तो भारतीय जनता पार्टी तीसरे नहीं बल्कि चौथे नंबर पर पहुंच जाती. बहुजन समाज पार्टी की हार की वजह पदाधिकारी अपनी मेहनत नहीं, बल्कि ईवीएम को मानते हैं.
बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी एमएलसी भीमराव अंबेडकर का मानना है कि 'बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारियों को जो जिम्मेदारी दी गई थी उसका उन्होंने बखूबी पालन किया. आम जनता के बीच पहुंचे, उन्हें पार्टी के साथ जोड़ा, खूब मेहनत की, लेकिन निकाय चुनाव में उस तरह की सफलता नहीं मिल पाई. उनका मानना है कि सफलता मिलती भी कैसे जब चुनाव ईवीएम से हो रहे हैं. बैलेट पेपर से अगर चुनाव कराए जाएं तो बहुजन समाज पार्टी को सफलता जरूर मिले. जहां तक बहन जी की तरफ से पदाधिकारियों पर कार्रवाई की बात है तो कार्रवाई बीएसपी को पदाधिकारियों पर नहीं, बल्कि जनता को सरकार पर करनी चाहिए, क्योंकि सरकार ने तंत्र का इस्तेमाल कर चुनाव जीता है.' निकाय चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग काम नहीं आई, इस सवाल पर भीमराव अंबेडकर का मानना है कि 'बहुजन समाज पार्टी की हमेशा ही चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग रहती है. 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय' की नीति के साथ पार्टी आगे बढ़ती है. चुनाव में हार हुई है, लेकिन हौसला नहीं टूटा है. अब हम लोकसभा चुनाव की तैयारियों में और तेजी से जुटेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज समीक्षा बैठक बुलाई है. सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव के बारे में मूलमंत्र देंगी, हम उस पर अमल करेंगे और आगे बढ़ेंगे. हमें पूरी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में हम बहुत बेहतर प्रदर्शन करेंगे. बैलेट पेपर से चुनाव करा लिया जाए तो बहुजन समाज पार्टी को कोई रोक नहीं सकता है.'