लखनऊ: मीडिया से दूरी रखने वाली बसपा में बड़ा बदलाव हो रहा है. पार्टी प्रमुख जहां खुद समय-समय पर पत्रकारों से रूबरू हो रही हैं. वहीं, पार्टी पदाधिकारियों से लेकर कैडर तक के चेहरे सोशल मीडिया पर दिखने लगे हैं. यह बसपा के शासनकाल की उपलब्धियों को पोस्ट कर मायावती को ही सीएम पद का विकल्प दर्शा रहे हैं. यही नहीं विधानसभा चुनाव के दावेदारों को टि्वटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के मंच पर फॉलोअर्स को बढ़ाने पर भी जोर देने को कहा गया है. पार्टी रणनीतिकारों का दावा (Party strategists claim) है इन फॉलोअर्स को वोटर में तब्दील कर प्रत्याशी 1000-1500 जैसे कम वोटों के अंतर से हारने वाली सीट को जीत में तब्दील कर सकते हैं.
80 सीटें 5 हजार से कम वोट से हारी बसपा
- पार्टी रणनीतकारों का मानना है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा करीब 80 सीटें 5 हजार से कम वोटों से हारी है. इसमें कई सीटें एक हजार वोटों के अंदर से हार वाली हैं. ऐसे में अब इन सीटों पर जीत हासिल करने को लेकर मंथन जारी है.
- 171 वोटों से हारी सीट: डुमरिया गंज सीट को ही ले लें, यहां बसपा की सैयदा खातून जीतते-जीतते रह गईं। वह भाजपा के राघवेंद्र सिंह से मात्र 171 वोटों से ही चुनाव हारीं.
- 530 वोट से हारी सीट : मोहनलाल गंज से सपा के अम्बरीष पुष्कर ने 71574 वोट पाए। वहीं बसपा प्रत्याशी 71044 वोट पाए. यहां बसपा ने 530 वोटों से सीट गंवाई.
- 538 वोटों से गई सीट: अहमदाबाद गुना सीट के भाजपा प्रत्याशी श्रीराम सोनकर विजयी हुए. यहां बसपा के राजेंद्र कुमार 538 वोटों से चुनाव हार गए.
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595 वोटों से हारी सीट
- रामपुर मनिहारान सीट से भाजपा के प्रत्याशी देवेंद्र कुमार विजई हुए. यहां से बसपा के रविंद्र कुमार 595 वोटों से हार गए.