लखनऊ.बसपाराष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा के प्रत्याशी बनाए गए सभी उम्मीदवारों और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ बैठक की. इस दौरान बीजेपी, सपा और कांग्रेस पर बसपा सुप्रीमो जमकर बरसीं हीं, मीडिया को भी उन्होंने नहीं बख्शा. उन्होंने अपनी पार्टी की इस हालत के लिए सीधे तौर पर 'जातिवादी मीडिया' और 'मुस्लिम' को जिम्मेदार ठहरा दिया. कहा कि मुस्लिमों ने एकतरफा सपा को वोट दे दिया जिससे बसपा को यह नुकसान उठाना पड़ा है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद चुनाव लड़े सभी प्रत्याशियों के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. इसमें प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के साथ प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इस बैठक में मायावती ने सभी से आगामी चुनावों के लिए अभी से मजबूती से जुटने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि अथक प्रयास और संघर्ष करते रहना है जो आज नहीं तो कल जरूर रंग लाएगा. यहां सभी विरोधी पार्टियों का मिथक तोड़कर सर्व समाज में से खासकर गरीब, असहाय और कमजोर वर्गों के लोगों के जीवन में बसपा ही मुस्कान ला सकती है.
यूपी विधानसभा चुनाव के बीएसपी की उम्मीद के विपरीत जो नतीजे आए हैं, उससे घबराकर और निराश होकर पार्टी के लोगों को बिल्कुल भी टूटना नहीं है बल्कि उसके सही कारणों को समझकर और सीखकर पार्टी को आगे बढ़ाना है. पार्टी को आगे चलकर सत्ता में भी जरूर आना है. बसपा के सत्ता में आने के बाद ही गरीब, असहाय, दुखी, पीड़ित और कमजोर वर्गों के लोगों का सही से भला हो सकता है.
मायावती ने कहा कि अब तो इनके प्रति जातिवादी मानसिकता रखने वाली पार्टियों के साथ-साथ 'जातिवादी मीडिया' भी इसमें शामिल है. मीडिया भी नहीं चाहता है कि यहां के दबे-कुचले, गरीब और लाचार लोग बाबा साहब के मिशन के मुताबिक चलकर सत्ता की मास्टर चाबी खुद अपने हाथों में ले लें. इसके लिए मीडिया किसी भी हद तक गिर कर अपना गंदा खेल खेलता रहता है.
उन्होंने कहा कि यूपी का वर्तमान चुनाव परिणाम बीएसपी के करोड़ों लोगों की कड़ी मेहनत का फल बिल्कुल नहीं है. फिर भी बाबा साहेब की अनुयायी पार्टी होने के नाते पार्टी के लोगों को अपनी हिम्मत नहीं हारनी है. 'पत्थर काटकर' रास्ता बनाने का अपना प्रयास व संघर्ष जारी रखना है. ऐसे खराब राजनीतिक हालात बीजेपी ने भी देखे हैं जब आजादी के बाद काफी लंबे समय तक देश में राज करने का मौका जनता ने बीजेपी को नहीं दिया था.
यूपी में भी 2017 से पहले भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं थी. इसी तरह कांग्रेस भी लगभग उसी हालत से गुजर रही है जिससे पहले भाजपा गुजर चुकी है. इसलिए ये चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक जरूर हैं. मायावती ने कहा कि इस चुनाव में पूरे यूपी से मिले फीडबैक के मुताबिक जातिवादी मीडिया ने निगेटिव प्रचार किया. खासकर, मुस्लिम समाज और भाजपा विरोधी हिंदू समाज के लोगों को भी गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मीडिया ने कहा कि बीएसपी भाजपा की 'बी' टीम है. यह पार्टी सपा के मुकाबले कम मजबूती से चुनाव लड़ रही है जबकि सच्चाई इसके बिलकुल विपरीत रही. भाजपा से बसपा की लड़ाई राजनीति के साथ-साथ सैद्धांतिक और चुनावी भी थी.