लखनऊ : देश में इन दिनों भारत के नाम को लेकर राजनीतिक दलों में रस्साकसी शुरू है. इंडिया गठबंधन के नेता लगातार इंडिया का नाम भारत किए जाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं बुधवार को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. बीएसपी मुखिया मायावती ने आशंका जताई है कि भारत बनाम इंडिया पर जो विवाद पक्ष और विपक्ष में चल रहा है वह इन दोनों की आपसी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है.
गौरतलब है कि भारत के नाम को लेकर चर्चा उसी दिन शुरू हुई जब राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए रात्रि भोज के निमंत्रण पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था. यह निमंत्रण जी-20 के सम्मेलन के सिलसिले में भेजे गए थे. जैसे ही यह आमंत्रण पत्र सामने आया देश की राजनीति में भूचाल से आ गया. इंडिया गठबंधन के नेताओं को तो जैसे झटका लग गया हो. जैसे ही इंडिया का नाम भारत करने की चर्चा शुरू हुई प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या तक करार देना शुरू कर दिया. कहा जब संविधान के अनुच्छेद एक में इंडिया दैट इज भारत लिखा हुआ है तो फिर इसमें बदलाव की जरूरत कहां है? इंडिया ही भारत है भारत ही इंडिया है, लेकिन विपक्षी नेताओं के इन बयानों का सत्तादल के नेताओं ने खंडन करते हुए कहा कि विश्व में कौन सा ऐसा देश है जिसके दो नाम हैं? जब ऐसा कोई देश नहीं है तो फिर एक ही नाम भारत क्यों नहीं होना चाहिए. सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने तर्क दिया कि यह इंडिया नाम अंग्रेजों की देन है.
कुल मिलाकर भारत और इंडिया नाम पर इस समय खूब बहस हो रही है. इंडिया गठबंधन वालों का कहना है कि जब विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन का नाम इंडिया रख लिया तो भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार इतना डर गई है कि अब देश का ही नाम बदलने पर आमादा हो गई है. अब तमाम तरह की बहस के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने अलग ही तर्क दे डाला है. कहा है कि इंडिया और भारत के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी आपस में रणनीति बनाकर ऐसा कर रही है.
मायावती ने दिया पार्टी नेताओं को मंत्र
बहुजन समाज पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार तैयारी में जुटी हुई है. विभिन्न राज्यों के पार्टी पदाधिकारियो के साथ पहले भी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती बैठक कर चुकी हैं. बीते शनिवार को उन्होंने उत्तराखंड के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव पर मंथन किया. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए. बता दे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर बीएसपी सुप्रीमो ने बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए थे. शनिवार को उत्तराखंड के पदाधिकारी के साथ संपन्न हुई बैठक की जानकारी बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके दी है उन्होंने ट्वीट के जरिए राजस्थान में एक महिला के साथ हुई वारदात को लेकर गहलोत सरकार पर प्रहार किया.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया कि लोकसभा चुनाव समय पूर्व होने की संभावना के मद्देनजर बीएसपी पार्टी संगठन की मजबूती, सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने की अनवरत प्रक्रिया के साथ ही उम्मीदवारों के चयन आदि को लेकर यूपी के बाद उत्तराखण्ड के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई. यह क्रम राज्यवार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रतापगढ़ में महिला के साथ अभद्र/असभ्य व्यवहार की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम. सरकारें इनकी रोकथाम के लिए बीएसपी सरकार जैसी कठोर कार्रवाई क्यों नहीं कर पाती हैं, यह सोचने की बात है. विभिन्न राज्यों में इस प्रकार की जघन्य घटनाओं का लगातार होना अति-शर्मनाक है.
बीएसपी सुप्रीमो ने अपने ट्वीट से जाहिर किया है कि देश में लोकसभा चुनाव अपने तय समय से पहले हो सकते हैं. लिहाजा, नेता और कार्यकर्ता अभी से मजबूती से तैयारी में जुट जाएं. संगठन को मजबूत करें जिससे चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को फायदा मिल सके. गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अकेले दम ही लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ना तो वह एनडीए गठबंधन में शामिल होंगी और न ही इंडिया गठबंधन में. अपने दम पर ही चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी. हालांकि बहुजन समाज पार्टी में रहते हुए ही इमरान मसूद ने एक इंटरव्यू के दौरान बीएसपी को गठबंधन की सलाह दी थी जिससे नाराज होकर बीएसपी सुप्रीमो ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. अब जब चुनाव अकेले लड़ना है तो बसपा सुप्रीमो किसी भी राज्य में होने वाली घटना पर लगातार प्रतिक्रिया दे रही हैं. राजस्थान में महिला के साथ जो घटना हुई उसे लेकर उन्होंने अशोक गहलोत सरकार पर हमला किया. याद दिलाया कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार में इस तरह की घटना होने पर सख्त कार्रवाई होती थी. सभी राज्यों को बीएसपी की तत्कालीन सरकार से सीख लेनी चाहिए. बता दें कि राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं और मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को यहां का प्रभारी बनाया है.
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