लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार ने बीती 11 जुलाई को नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट (Uttar Pradesh Population Policy Draft) जारी कर दिया है. जिसके बाद से ही कई लोगों ने इसका सवाल उठाना शुरू कर दिया है. इस सूची में अब बहुजन समाज पार्टी (bsp) की मुखिया और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम भी जुड़ गया है. मायावती ने ट्वीट कर इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं. मायावती ने यूपी की नई जनसंख्या नीति को लेकर एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
मायावती ने नई जनसंख्या नीति को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा, यूपी भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता और इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है.
उन्होंने आगे लिखा, अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर यूपी भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था, जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करती तो अब विधानसभा चुनाव के समय तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे.
मायावती ने लिखा, यूपी व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबरदस्ती व अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति (Population policy) का ड्राफ्ट जारी किए जाने के बाद से ही विपक्षी दल लगातार इसको लेकर सवाल उठा रहे हैं. सपा ने जहां इसे मार्केटिंग इवेंट बताया, वहीं अब मायावती ने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं. इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने भी इस ड्राफ्ट की वन चाइल्ड पॉलिसी को लेकर सवाल उठाया था. इतना ही नहीं VHP ने इस बारे में यूपी लॉ कमीशन को चिट्ठी भी लिखी थी.
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ये है जनसंख्या नीति ड्राफ्ट
बता दें कि योगी सरकार ने नई पॉपुलेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट को जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस जनसंख्या नीति में मुख्य रूप से दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. ड्राफ्ट के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और पदोन्नति का मौका नहीं मिलेगा. इसके साथ ही दो से अधिक बच्चे होने वालों को राज्य सरकार की 70 से अधिक सरकारी योजनाओं व अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान ड्राफ्ट में किया गया है. इसके साथ ही स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. दो बच्चे से अधिक होने पर उन्हें स्थानीय निकाय या पंचायत चुनाव में शामिल नहीं किया जा सकेगा.