लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने श्रमिकों की तमाम समस्याओं को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आजादी के बाद लंबे समय तक देश पर राज करती रही, लेकिन उसने गांवों को आत्मनिर्भर नहीं बनाया. ऐसा काम नहीं किया जिससे श्रमिकों की स्थिति में सुधार हो. यही वजह है कि श्रमिक अपना गांव-घर छोड़कर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हुए हैं. इसलिए कांग्रेस आंसू न बहाए तो ज्यादा बेहतर है.
बसपा अध्यक्ष ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है. उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है. आजादी के बाद इनके लंबे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव-शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ता.
पूर्व मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनके वीडियो पर भी सवाल खड़े किए हैं, जिसमें वह श्रमिकों के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं. मायावती ने कहा कि वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुख दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है. वह हमदर्दी वाला कम, नाटक अधिक लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता.
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिह्नों पर न चलकर इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांव शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करें. ऐसा करती है तो इन श्रमिकों को आगे ऐसी दुर्दशा शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी.
बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि बीएसपी के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांव से दूर अलग-थलग रखा गया है. उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है. ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें.