लखनऊ:राजधानी केहजरतगंज थाना क्षेत्र में स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल (Shyama Prasad Mukherjee Civil Hospital) के बाल चिकित्सा ओपीडी में ब्रेस्टफीडिंग बूथ बनाया गया है. बुधवार को इस बूथ का शुभारंभ (booth started) किया गया. बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने फीता काटकर ब्रेस्टफीडिंग बूथ (breast feeding booth) का शुभारंभ किया. बता दें कि ब्रेस्टफीडिंग बूथ राजधानी के अन्य अस्पतालों में नहीं है.
बता दें कि 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान दिवस सप्ताह मनाया जाता है. इसके तहत अस्पताल में ब्रेस्टफीडिंग बूथ की शुरुआत की गई है. इस दौरान अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि यह अस्पताल प्रशासन के ऊपर निर्भर करता है कि उन्हें ब्रेस्टफीडिंग बूथ बनाना है, या नहीं बनाना है. सिविल अस्पताल में ब्रेस्टफीडिंग सप्ताह के दौरान ब्रेस्टफीडिंग बूथ बनाया. इससे महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग कराने में सहूलियत मिलेगी.
जानकारी देते अमित मोहन प्रसाद. अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि 1 से लेकर 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है, ताकि लोगों में जागरूकता बनी रहे कि नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस बूथ के जरिए महिलाओं द्वारा बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार में मदद मिलेगी. इसके साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा सकता है. इस दौरान कोरोना की तीसरी लहर में कोरोना का बच्चों पर असर को लेकर उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है कि हर व्यक्ति के अंदर एंटीबॉडी बन चुकी है, ऐसे में यह कहना उचित नहीं होगा कि बच्चे कोविड से प्रभावित होंगे.
ब्रेस्ट फीडिंग बूथ की हुई शुरुआत. अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष चंद्र सुंद्रियाल ने बताया कि पहले अस्पताल में ब्रेस्टफीडिंग के लिए कोई जगह नहीं बनाई गई थी. जिसकी वजह से महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराने में दिक्कत परेशानी होती थी, क्योंकि अस्पताल में भीड़ रहती है.अस्पताल में जगह की भी दिक्कत रहती है इसलिए बाल चिकित्सा विभाग की डॉ अर्चना से बातचीत की गई कि बाल चिकित्सा ओपीडी में एक ब्रेस्ट फीडिंग बूथ का होना बहुत जरूरी है. जिससे महिलाएं बिना संकोच और बिना किसी परेशानी के बच्चे को फीडिंग करा सकें.
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने काटा फीता. विश्व स्तनपान सप्ताह, प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है. इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान एवं कार्य को एक साथ करने का समर्थन देना है. साथ ही इसका यह उद्देश्य भी है कि कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूक करना और कार्यालयों में इस प्रकार का माहौल बनाना जिससे स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो.
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