लखनऊ:किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में बुधवार को लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप की एक मीटिंग आयोजित की गई. यह मीटिंग ऑनलाइन गूगल मीट प्लेटफार्म पर आयोजित थी, जिसमें प्रदेशभर के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 55 ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों और सर्वाइवर ने हिस्सा किया था.
कैंसर सर्वाइवर व प्रोफेसर्स ने किया प्रतिभाग कैंसर सर्वाइवर लेते हैं हिस्सा
केजीएमयू के अनुकरण सर्जरी विभाग में ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप की मीटिंग हर महीने आयोजित की जाती है. इस मीटिंग में प्रदेश भर के विभिन्न स्थानों से ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित मरीज और ब्रेस्ट कैंसर से लड़कर ठीक हुए सर्वाइवर प्रतिभाग करते है, जो एक दूसरे से अपने अनुभव को साझा कर हौंसला अफजाई करते हैं.
मोटिवेशनल स्पीकर हुए शामिल
इस अवसर पर तमाम मरीजों ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जानकारी ली और अपने मन की शंकाओं को दूर करने के लिए कई सवाल भी पूछे. एंडोक्राइन सर्जरी के विशेषज्ञ और विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद मिश्रा और डॉ. कुल रंजन सिंह ने इन सभी सवालों का जवाब दिया. इस मीटिंग में हौसला अफजाई करने और मरीजों को प्रोत्साहन देने के लिए कॉरपोरेट जगत के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर भी शामिल हुए.
कॉरपोरेट जगत के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर कमलेश जैन ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों से बातचीत की. कमलेश जैन ने कहा कि जीवन की सरल चीजों में खुशी ढूंढना बेहद जरूरी है. इसके अलावा अपने आप में और समाज में एक सार्थक बदलाव लाने के 10 छोटे छोटे कदमों के बारे में भी कमलेश ने बात की.
हर महीने होती है मीटिंग
प्रो. आनंद मिश्रा ने बताया कि कैंसर सर्वाइवर के इस सपोर्ट ग्रुप में 'होप टॉक्स' नामक एक सीरीज चलाई जाती है. इस सीरीज में कैंसर को मात देकर सामान्य जीवन जी रहे कई मरीज शामिल होते हैं. इस सीरीज के मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में नीतू रस्तोगी, कंचन रावत, अनीता लाल जैसे सर्वाइवर रहते हैं. हर सर्वाइवर 3 मिनट तक मरीजों को प्रोत्साहन देने के बारे में बात करता है.
सकारात्मक सोच है जरूरी
बुधवार को हुई इस मीटिंग में भी इन सर्वाइवर्स ने 'सोचने की शक्ति', 'सकारात्मक रवैया' और 'नए मरीजों के लिए सलाह' जैसे विषयों पर अपनी बात रखी. एक कैंसर सर्वाइवर पुष्पा त्रिपाठी ने कैंसर की व्याख्या करते हुए कहा कि कैंसर से पीड़ित सभी मरीजों को यह भावना अपने अंदर जागृत करनी होगी कि कैंसर सकारात्मक सोच से जल्दी ठीक हो सकता है.