लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर 'उत्तर प्रदेश नाव दुर्घटना प्रबन्धन, न्यूनीकरण एवं सुरक्षा नीति-2020' का प्रस्तुतीकरण देखा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नाव दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नाविकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए. साथ ही बीडीओ, लेखपाल को नाव का निरीक्षण करने का उत्तरदायित्व दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाविकों का भुगतान समय से कराया जाए. नाविकों को टूलकिट के रूप में लाइफ जैकेट और पतवार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए. साथ ही नई नौका खरीदने और पुरानी नौका में इंजन लगाने के लिए बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाए.
राहत आयुक्त ने दिया प्रस्तुतीकरण
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को राहत आयुक्त संजय गोयल ने नाव दुर्घटना प्रबन्धन के लिए वर्तमान व्यवस्थाओं, अन्य राज्यों में मौजूद व्यवस्थाओं, एनडीएमए बोट सेफ्टी गाइडलाइन-2017 के प्रमुख प्रावधानों, उत्तर प्रदेश नाव दुर्घटना प्रबन्धन, न्यूनीकरण एवं सुरक्षा नीति-2020 के प्रमुख प्रावधानों, नीति के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति के गठन विषयों का प्रस्तुतिकरण दिया.
इस दौरान जिला एवं तहसील स्तरीय समिति, परिवहन विभाग, उप्र राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, पुलिस, जल पुलिस व पीएसी, चिकित्सा विभाग, एनडीआरएफ, नगर विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग, नाविक और नौका संचालकों के एसोसिएशन, नदी तटों पर लगाने वाले मेला और बाजार के आयोजनकर्ताओं, केन्द्रीय जल आयोग, मौसम विभाग के दायित्वों के साथ-साथ विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों से प्राप्त किए जाने वाले सहयोग के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी गई.
सीएम ने दिए निर्देश
प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के उपरान्त मुख्यमंत्री ने 'उत्तर प्रदेश नाव दुर्घटना प्रबन्धन, न्यूनीकरण एवं सुरक्षा नीति-2020' में आवश्यक बदलाव करते हुए इसे शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए. बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहे.