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लखनऊ: आवास विकास इस साल नहीं बढ़ाएगा जमीन की कीमतें, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में तमाम महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं. मुख्य रूप से लखनऊ की जमीनों की कीमतों को स्थिर रखने का फैसला किया गया है. वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी.

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Published : Feb 11, 2020, 12:32 PM IST

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बोर्ड बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले.

लखनऊ:उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में तमाम महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं. मुख्य रूप से यूपी की राजधानी लखनऊ में आवास विकास परिषद की जमीनों की कीमत स्थिर रखने का बड़ा फैसला किया गया है. इससे आवास विकास परिषद के घर प्लॉट और जो फ्लैट्स हैं. उन्हें खरीदने वालों को काफी राहत मिल सकेगी. आवास विकास परिषद ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जमीनों की कीमतें स्थिर रखने का बड़ा फैसला किया है. ऐसी स्थिति में जमीनों की कीमतें फ्रीज रहेंगे और इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी.

बोर्ड बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले.
10 से 15 फीसदी तक मिलेगी छूटआवास विकास परिषद के अध्यक्ष दीपक कुमार एवं आवास विकास परिषद के आवास आयुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें तमाम बड़े फैसले किए गए रियल स्टेट के क्षेत्र में मंदी को देखते हुए जमीनों की कीमतों को स्थिर रखने का सबसे बड़ा फैसला हुआ है.

इस फैसले से आवास विकास परिषद की जमीन और फ्लैट खरीदने वाले लोगों को 10 से 15 फीसद की राहत मिल सकेगी. वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी. इसके अलावा आवास विकास परिषद के राजधानी लखनऊ में जो 3000 फ्लैट्स बिक्री का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें कैश पेमेंट में एक साथ खरीदने वाले लोगों को 10 से 15 फीसदी तक अतिरिक्त छूट मिलेगी.

कम हो गई फ्लैट की कीमत
आवास विकास परिषद में जमीनों की कीमतें नहीं बढ़ाई जाने के फैसले से लखनऊ में फ्लैट 10% तक सस्ते हो गए राजधानी लखनऊ में दो-तीन बड़ी आवासीय योजनाएं हैं. अवध विहार, वृंदावन, आम्रपाली में फ्लैटों की कीमत कम हो गई है. इन योजनाओं में करीब 3000 फ्लैट खाली पड़े हैं, जिनकी कीमत 45 लाख से 80 लाख तक है, जिन्हें एक साथ भुगतान करने पर 10 से 15 फीसद की अतिरिक्त छूट मिलेगी.

गाजियाबाद के वसुंधरा योजना के दोषी पर कार्रवाई, होगी वसूली
इसके साथ ही गाजियाबाद की वसुंधरा योजना में 1,20,00000 के ट्रांसफर आपूर्ति घोटाले में दोषी पाए गए हैं. अधिशासी अभियंता सीपी सिंह व अन्य दोषी इंजीनियरों के घोटाले में शामिल फर्म से वसूली की जाएगी. फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. अवध शिल्पग्राम योजना के अंतर्गत 5000 कैपेसिटी सीटिंग का एक कन्वेंशन सेंटर बनाने का भी फैसला बोर्ड बैठक में हुआ है. इसी तरह पांडेगंज योजना की समस्या को समाप्त करते हुए किसानों से बात करके इसका निस्तारण किया गया है.

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