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खाद्य विभाग व ठेकेदारों के गठजोड़ से हो रही राशन की कालाबाजारी, जानिए वर्चस्व के लिए क्यों भिड़े ठेकेदार - खाद्य विभाग

विधानसभा के सामने बीते मंगलवार को एक व्यक्ति ने आत्मदाह का प्रयास किया था. व्यक्ति द्वारा खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने से पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया और थाने ले गई. व्यक्ति की पहचान ठाकुरगंज निवासी नरेंद्र मिश्र के रूप में हुई. नरेंद्र ने खाद्य रसद विभाग के अधिकारियों पर एक करोड़ से अधिक गबन करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

ठेकेदार नरेंद्र मिश्र ने की आत्मदाह की कोशिश.
ठेकेदार नरेंद्र मिश्र ने की आत्मदाह की कोशिश.

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Published : Aug 25, 2021, 11:56 AM IST

लखनऊ: सूबे की राजधानी लखनऊ में विधान भवन के सामने एक व्यक्ति के आत्मदाह की कोशिश के मामले ने खाद्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है. पीड़ित की मानें तो खाद्य विभाग और ठेकेदारों के गठजोड़ से आरएफसी में राशन की कालाबाजारी चल रही है. राशन की कालाबाजारी से दोनों के गठजोड़ ने करोड़ों कमाए हैं. अब ये करोडों की कमाई ही आपसी रंजिश का कारण बन गई है. नतीजन, पैसे के बंटवारे को लेकर ठेकेदारों के दो गुट भिड़ गए हैं. इसमें ठेकेदार नरेंद्र मिश्र विधान भवन के सामने आत्मदाह के प्रयास करते हुए पकड़ा गए और लॉकअप में हैं. उनसे पूछताछ चल रही है.

आत्मदाह की कोशिश करने वाले ठेकेदार नरेंद्र मिश्र का कहना है कि संभागीय खाद्य नियंत्रक (डीएफसी) के इंस्पेक्टर आदित्य सिंह व उसके बुआ के लड़के सौरभ सिंह ने हेरफेर कर कूटरचित पेपर बनवाकर 1.25 करोड़ रुपये डकार लिए. पीड़ित का आरोप है कि सरकारी कर्मचारी आदित्य ने अपने प्रभाव से कमीशन लेकर आरएफसी में अपने बुआ के लड़के को ठेका मैनेज कराया और मिलकर करोड़ों कमाए. इसी दौरान एडीएम आपूर्ति ने राशन की उठान से जुड़े आरएफसी के ऐशबाग स्थित गोदाम पर छापेमारी कर राशन की कालाबाजारी पकड़ी थी.

जानकारी देते ठेकेदार नरेंद्र मिश्र.

एडीएम आपूर्ति की अगुवाई में बनी जांच कमेटी ने सप्लाई से जुड़ी ठेकेदार फर्म पायनियर एसोसिएट के संचालक सौरभ सिंह सहित तीन आरोपियों के खिलाफ गोमती नगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज कराया. चूंकि आरोपी नरेंद्र मिश्र तालकटोरा थाना क्षेत्र का रहने वाला था, इसलिए FIR तालकटोरा थाने में स्थानांतरित कर दी गई. अफसरों ने विभाग की बदनामी को देखते हुए डीएफसी आदित्य सिंह को बचा लिया, लेकिन उनका स्थानांतरण लखीमपुर खीरी जिले में कर दिया. साथ ही पायनियर एसोसिएट का ठेका निरस्त कर फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की प्रकिया शुरू की, लेकिन बाद में विभाग के कुछ अफसर ठेकेदार सौरभ सिंह से मिलकर हेरफेर कर फर्म के अकाउंट से 1.25 करोड़ रुपये निकाल लिए.

ऐसे फंसाया जाल में
आत्मदाह की कोशिश करने वाले ठेकेदार नरेंद्र मिश्र की मानें तो आरएफसी में ठेकेदारी करने के दौरान संभागीय खाद्य नियंत्रक (डीएफसी) के इंस्पेक्टर आदित्य सिंह से मुलाकात हुई. आदित्य सिंह ने साथ मिलकर ठेका लेने का प्रस्ताव रखा और अपने बुआ के लड़के सौरभ सिंह को हमारे साथ रख दिया. सौरभ हमारे यहां किराए का मकान लेकर रहने लगा और पार्टनरशिप डीड बनाकर हमारी फर्म पर काम शुरू किया. कुछ दिन सब ठीक रहा फिर आदित्य और सौरभ ने फर्म पर राशन उठान में चोरी शुरू कर दी. विरोध करने पर दोनों ने अपनी अलग फर्म बना ली और कूटरचित पेपर बनवाकर 1.25 करोड़ रुपये हड़प लिए.

नियम विरुद्ध निजी बैंक से लिया भुगतान
फर्म में विवाद होने पर सौरभ सिंह ने अपनी अलग फर्म बनवाई और निजी यश बैंक में खाता खोला. फिर खाद्य विभाग के अफसरों की मिलीभगत से सारा भुगतान निकाल लिया. अधिकारिक सूत्रों की मानें तो नियमानुसार खाद्य विभाग का भुगतान सरकारी बैंक के खाते में ही करने का प्रावधान है, जबकि सौरभ सिंह ने निजी बैंक में खाता खुलवा कर गलत तरीके से 1.25 करोड़ रुपये निकाल लिए. इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि नरेंद्र मिश्र का कहना है कि आदित्य सिंह के प्रभाव में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. इसलिए उन्होंने आत्मदाह का प्रयास किया. वहीं इंस्पेक्टर तालकटोरा अशोक कुमार सरोज का कहना है कि नरेंद्र मिश्र के खिलाफ गोमती नगर विस्तार निवासी सौरभ सिंह ने धोखाधड़ी, मारपीट व जान से मारने की धमकी की धारा में गोमती नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामले की विवेचना तालकोटरा थाने से की जा रही थी. जांच के बाद नरेंद्र मिश्र को 24 जून को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जमानत पर छूटने के बाद उन्होंने आत्मदाह का प्रयास किया है. दोनों पक्षों में राजाजीपुरम स्थित वेयर हाउस के माल को लेकर भी विवाद चल रहा है.

ये है पूरा मामला
बता दें कि, मंगलवार सुबह विधानसभा के बाहर ठेकेदार नरेंद्र मिश्र में खुद पर मिट्टी का तेल छिड़कर आग लगाने की कोशिश की. पुलिस के जवानों ने युवक को तुरंत पकड़ कर गाड़ी में रखा. ठाकुरगंज के रहने वाले नरेंद्र मिश्र ने आरोप लगाया कि संभागीय खाद्य नियंत्रक (डीएफसी) के इंस्पेक्टर आदित्य सिंह व उनके बुआ के लड़के सौरभ सिंह द्वारा इसी विभाग में साझेदारी की फार्म से 1.25 करोड़ रुपये से अधिक का गबन कर दिया गया. इतना ही नहीं इन लोगों के द्वारा उसके ऊपर फर्जी तरीके से तालकटोरा थाना में मुकदमा दर्ज करा दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था. आरोप है कि उसके द्वारा लगातार पुलिस के चक्कर काटे जा रहे थे, उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद ही उसके द्वारा कोर्ट से 156(3) डाला गया. उस पर भी पुलिस कोई संज्ञान नहीं ले रही है. पीड़ित का आरोप है उसके इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व संबंधित अधिकारियों के भी संज्ञान में डाला था.

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