लखनऊ :कोरोना संक्रमण का कहर लगातार जारी है. संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. लोग बचाव का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं. देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं राजधानी लखनऊ की स्थिति लगभग सभी जिलों से ज्यादा गंभीर है. यहां लोग इलाज से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर व रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जूझ रहे हैं. स्थिति यह है कि यहां एक-एक सांस के लिए लोग मरने और मारने पर उतारू हो गए हैं. हालात यह है कि निजी अस्पतालों में बेड बेचे जा रहे और ऑक्सीजन सिलेंडर व रेमडेसिविर इंजेक्शन की भीषण कालाबाजारी की जा रही है. लोग 20 से 30 हजार में ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन खरीद रहे हैं.
ताजा मामला बीते दिनों लखनऊ के तालकटोरा स्थित ऑक्सीजन फैक्ट्री के सामने देखने को मिला, जहां ऑक्सीजन लेने के लिए एकत्र परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर न सिर्फ हमला बोल दिया बल्कि उन्हें जलाकर मारने की कोशिश की. इसके साथ ही कई ऑक्सीजन प्लांटों पर मारपीट की घटनाएं हुई. ऑक्सीजन प्लांटों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया. फिर भी ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है.
कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस ने की कार्रवाई
जानकीपुरम थाना क्षेत्र में दो कमरे का 34 बेड का फर्जी हॉस्पिटल बनाकर ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करते तीन आरोपियों सीतापुर के रिंकू सिंह, सौरभ सिंह और राहुल गिरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 12 ऑक्सीजन सिलेंडर भी बरामद किए थे. इसके अलावा बीते दिनों कृष्णानगर पुलिस ने भी कौशल कुमार कटिहार को गिरफ्तार कर 19 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर (खाली), 13 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर (भरे हुए), 18 छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर (खाली), 4 नाइट्रोजन सिलेंडर (भरे हुए), 1 रिफिलर, एक पाइप, दो वाहन (पिकअप लोडर) बरामद किया था. वहीं, गुडंबा पुलिस ने भी ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपियों केशव सिंह, धीरज कश्यप और मोहम्मद आमिर को गिरफ्तार किया था. इंस्पेक्टर फरीद अहमद ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इन सिलेंडरों को 10 हजार से 15 हजार की कीमत में बेचा जा रहा था.
सरकार के दावे फेल, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लगीं लंबी कतारें
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है. इसके बावजूद बुधवार को राजधानी लखनऊ में नादरगंज, चिनहट, कृष्णानगर, आरके ऑक्सीजन प्लांट और बीकेटी में लंबी लाइनें लगी रहीं. न सिर्फ लखनऊ बल्कि दूसरे शहरों में भी ऑक्सीजन को लेकर लोग काफी परेशान दिख रहे हैं. कृष्णा नगर स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर 'ईटीवी भारत' के पहुंचने पर कतार में लगे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. ऑक्सीजन सिलेंडर लेने आए मोहम्मद इस्माइल का कहना है कि प्लांट पर ऑक्सीजन सिलेंडरों की जमकर कालाबाजारी की जा रही है. सिलेंडर की खेप आते ही निजी अस्पतालों में बांट दी जाती है. जबकि घंटों से कतारों में लगे लोग खाली हाथ घर लौट रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह पिछले 3 दिनों से ऑक्सीजन सिलेंडर लेने की कतार में खड़े हैं, लेकिन उन्हें सिलेंडर नहीं मिला.
एक भाई ने दम तोड़ा, वहीं दूसरे का अस्पताल में चल रहा इलाज
एक भाई की मौत से आहत चिनहट से ऑक्सीजन सिलेंडर लेने आए एक बुजुर्ग ने तो योगी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में उसके एक भाई की मौत हो गई है. जबकि दूसरा भाई अस्पताल में जीवन-मौत के बीच संघर्ष कर रहा है. बीते 24 घंटे से ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए लाइन में लगा हूं, लेकिन अभी तक सिलेंडर नहीं मिला.
कोविड मरीजों के लिए 113 में 66 एंबुलेंस
बता दें कि लखनऊ में कोविड अस्पतालों में भर्ती होने को लेकर मरीज परेशान हैं. अस्पतालों के बाहर ही मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं. घंटों एंबुलेंस के इंतजार में मरीजों की सांसें उखड़ रहीं हैं. राजधानी लखनऊ में 113 एंबुलेंस हैं, जिनमें 66 कोविड मरीजों के लिए हैं. कई तो एंबुलेंस से अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. अब मरीजों को एंबुलेंस मिलने में भी समय लग रहा है. नए मरीजों को एक से दो घंटे नहीं, बल्कि एक-दो दिन में एंबुलेंस मिल रही है.