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विधानसभा चुनाव 2022 : भाजपा की रणनीति के फिर 'खेवनहार' बनेंगे पन्ना प्रमुख

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने प्रदेशभर में चुनाव की दृष्टि से पन्ना प्रमुख का चयन कर उन्हें चुनाव में जिम्मेदारी देने को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसे लेकर क्षेत्र स्तर पर पार्टी नेतृत्व की तरफ से लगातार बैठक भी हो रही हैं.

भाजपा की वोटरों तक पहुंच बढ़ाने की चुनावी रणनीति में फिर 'खेवनहार' बनेंगे पन्ना प्रमुख
भाजपा की वोटरों तक पहुंच बढ़ाने की चुनावी रणनीति में फिर 'खेवनहार' बनेंगे पन्ना प्रमुख

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Published : Aug 9, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 4:19 PM IST

लखनऊ : 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर दोबारा सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ा रही है. बीजेपी नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर मतदाताओं के साथ संपर्क और संवाद को लेकर रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. इसके लिए पन्ना प्रमुखों को सक्रिय कर उन्हें जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया है.

भाजपा की वोटरों तक पहुंच बढ़ाने की चुनावी रणनीति में फिर 'खेवनहार' बनेंगे पन्ना प्रमुख

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने प्रदेशभर में चुनाव की दृष्टि से पन्ना प्रमुख का चयन कर उन्हें चुनाव में जिम्मेदारी देने को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसे लेकर क्षेत्र स्तर पर पार्टी नेतृत्व की तरफ से लगातार बैठक भी हो रही हैं.

पन्ना प्रमुखों का चयन और उन्हें सक्रिय करते हुए उनके कंधों पर मतदाताओं को चुनाव के दौरान बूथ तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. बीजेपी नेतृत्व पन्ना प्रमुखों को सक्रिय करने और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने को लेकर लगातार काम कर रहा है.

मतदाताओं की संख्या के आधार पर बनते हैं पन्ना प्रमुख

बीजेपी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने को लेकर पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल लगातार सक्रिय है और उस निर्माण को लेकर काम कर रहे हैं. महामंत्री संगठन सुनील बंसल माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट के माहिर है. वह लगातार संगठन को इसी के अनुसार मजबूत करने का काम कर रहे हैं.

बीजेपी संगठन के अंतर्गत बूथ स्तर की इकाइयों पर मतदाताओं की संख्या के आधार पर पन्ना प्रमुखों का चयन किया जाता है. एक पन्ना प्रमुख पर करीब 30 से 50 मतदाता रहते हैं. इन्हीं 30 से 50 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रमुख का चयन होता है.

यह पन्ना प्रमुख मतदाताओं तक पार्टी की योजनाएं और संगठन के अभियान के काम आदि की जानकारी देने का काम करते हैं. चुनाव के दौरान इन्हीं पन्ना प्रमुख की मुख्य जिम्मेदारी होती है कि उनके पन्ने पर दर्ज मतदाताओं को पोलिंग सेंटर तक ले जाएं.

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चुनाव के दौरान इन पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी काफी महत्वपूर्ण रहती है. भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले पन्ना प्रमुख के पदों पर कार्यकर्ताओं का चयन करते हुए उन्हें मतदाताओं के हिसाब से जिम्मेदारी देती है. फिर मतदाताओं से संपर्क और संवाद करते हुए उन्हें चुनाव तक लगातार जोड़े रखने की जिम्मेदारी भी दी जाती है.

मतदाता सूची के प्रकाशन का काम प्रदेश में जैसे ही शुरू होगा, वैसे ही इन पन्ना प्रमुखों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाएगी. सभी बूथ स्तर पर बनाए गए पार्टी कार्यकर्ताओं के संगठन के अनुसार पन्ना प्रमुख को मतदाताओं की संख्या के आधार पर जोड़ने की जिम्मेदारी दी जाती है.

पन्ना प्रमुख अपने पन्ने पर मतदाताओं के नाम आदि की जानकारी दर्ज करते हुए लगातार उनसे संपर्क और संवाद करते हैं. साथ ही चुनाव को लेकर लगातार पन्ना प्रमुख सक्रिय होकर काम करते हैं.

एक सितंबर को किया जाएगा मतदाता सूची का प्रकाशन

जानकारी के अनुसार एक सितंबर के आसपास प्रदेशभर में मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी पन्ना प्रमुखों का एक बड़ा सम्मेलन भी 25 सितंबर को राजधानी लखनऊ में आयोजित करने का फैसला किया है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर यह बड़ा सम्मेलन होगा और प्रमुखों को चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण टिप्स दिए जाएंगे.

क्या कहते हैं भाजपा प्रवक्ता

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी कि संगठन की दृष्टि से पन्ना प्रमुख की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. बूथ स्तर पर मतदाताओं के साथ संपर्क और संवाद पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी होती है. मतदाताओं के सुखदुख में भागीदारी को लेकर पन्ना प्रमुख लगातार काम करते हैं. भारतीय जनता पार्टी पन्ना प्रमुखों को बनाकर मतदाताओं तक अपनी पकड़ और पहुंच बढ़ाने का काम कर रही है.

Last Updated : Aug 9, 2021, 4:19 PM IST

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