लखनऊ : किसानों से जुड़ी योजनाओं के बारे में गांव-गांव तक जानकारी पहुंचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने पांच लाख खास कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप रही है. भाजपा की केंद्र सरकार के सात साल में और राज्य सरकार के करीब साढ़े चार साल में किसानों को कितना फायदा हुआ, इसकी बात गांव-गांव में होगी. भाजपा प्रदेश की 60 हजार ग्राम पंचायतों के लगभग पांच लाख कार्यकर्ताओं को ये बातें पहुंचाने की जिम्मेदारी दे रही है. इन कार्यकर्ताओं के अलावा पार्टी के समर्थक किसान संगठनों और नेताओं के जरिये गांव-गांव तक सात साल की कामयाबी की कहानी सुनाई जाएगी. 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐसा करके भाजपा किसान आंदोलन से होने वाले नुकसान की आशंका को कम करेगी.
लंबे समय से चल रहा किसान आंदोलन
पिछले करीब 6 महीने से दिल्ली बार्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है. इसे प्रमुख तौर पर पंजाब के किसानों ने शुरू किया था. बाद में भारतीय किसान यूनियन ने भी अहम रोल निभाने का आगाज किया. भाकियू की ओर से राकेश टिकैत इस आंदोलन के अगुआ हैं. और अब उनका दावा है कि वे उत्तर प्रदेश में भाजपा को हरा देंगे.
उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर किसानों का प्रभाव
प्रदेश की 403 विधानसभा क्षेत्रों में से 80 फीसदी सीटें ग्रामीण इलाकों में हैं. ऐसे में किसान आंदोलन का चुनाव पर असर पड़ने की पूरी संभावना है. इसलिए भाजपा ने इस पूरे मामले की काट करने की तैयारी की है. पिछले दिनों राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लखनऊ आकर भी ग्रामीण कार्यकर्ताओं को सरकार की योजनाओं की जानकारी दी थी, और उनको आम किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया था.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने बताया कि हम पूरी बात किसानों तक पहुंचाएंगे. प्रदेश सरकार की कामयाबियां और केंद्र सरकार की किसानों के लिए किए गए कामों को गिनाएंगे, ताकि कथित किसान आंदोलन की सच्चाई को सामने लाया जा सके.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने गिनाया काम
- प्रदेश में 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ.
- नकदी फसल गन्ना का एक लाख 40 हजार करोड़ का किया भुगतान.
- पिछली सरकारों ने चीनी मिलों को बेचा, मगर हमने रमाला मुंडेरवा पिपराइच मिलें दोबारा शुरू कीं.
- 20 मिलों को अपग्रेड करके उत्पादन क्षमता बढ़ाई.
केंद्र सरकार की कामयाबियां