लखनऊ:भाजपा की एक बड़ी नेता की पैरोकारी से चारबाग के अवैध कारोबारी बच गए हैं. चारबाग के अग्निकांड के बाद भाजपा की नेता ने एलडीए में होटल कारोबारियों के खिलाफ नोटिस दिए जाने का विरोध किया था. जिसकी वजह से 2018 में हुए अग्निकांड के बावजूद होटलों के खिलाफ कार्रवाई न करने का बहाना मिल गया था. कड़े एक्शन रुक गए थे. इसी वजह से चारबाग से लेकर गोमती नगर तक अवैध होटल बढ़ते जा रहे हैं. गोमती नगर का हर चौथा मकान एक गेस्ट हाउस में तब्दील होता जा रहा है. सभी ओयो की सेवा ले रहे हैं. होटल निर्माण ज्यादातर आवासीय नक्शे पर किए जा रहे हैं. जिसके चलते लखनऊ अवैध होटलों का गढ़ बनता जा रहा है और यही वजह है कि फायर एक्सीडेंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं. गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के लेवाना होटल में सोमवार को लगी भीषण आग में अब तक 4 लोगों की मौत हुई है.
दरअसल, 19 जून 2018 को जब चारबाग के होटल विराट इंटरनेशनल और होटल एसजेएस में आग लगी थी और इस वजह से 7 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद लगातार लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से चारबाग के अवैध उपयोग के खिलाफ एक्शन शुरू किया गया था. 100 से अधिक होटलों को नोटिस देकर उनसे कारोबार बंद करने की चेतावनी दी गई थी, जिसके बाद होटल कारोबारी लखनऊ विकास प्राधिकरण में पहुंच थे तब तत्कालीन कैबिनेट मिनिस्टर और भारतीय जनता पार्टी की एक वरिष्ठ महिला नेता के दबाव के चलते लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यह कार्रवाई रोक दी थी.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एलडीए लगातार कार्रवाई कर रहा था मगर इस बीच में भाजपा की महिला नेता ने अफसरों पर इतना उच्चस्तरीय दबाव डलवाया की चारबाग में पूरी कार्रवाई रोक दी गई. चारबाग में एक्शन रुकने की देर थी जिसका असर पूरे शहर पर पड़ा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंताओं को मौका मिला और शहर के अलग-अलग इलाकों में अवैध होटलों की बाढ़ आ गई.