लखनऊ : उत्तर प्रदेश के चुनाव में मुसलमानों का बड़ा अहम किरदार रहता है. विधानसभा चुनाव में 150 सीटों पर मुस्लिम वोट जहां निर्णायक भूमिका में रहते है. वहीं देश के आम चुनाव में भी यूपी के मुसलमान लोकसभा की 80 सीटों पर मौजूद हैं. प्रदेश में जल्द ही नगर निकाय चुनाव होना है और चुनाव से पहले बीजेपी ने देश में पसमांदा मुसलमान का एक बड़ा राग छेड़ दिया है. लखनऊ में रविवार को आयोजित हुए पसमांदा सम्मेलन पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और बीजेपी आमने सामने आ गई है.
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहाद उल मुस्लिमीन (AIMIM) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता आसिम वकार (Asim vakar) ने बीजेपी के पसमांदा सम्मेलन को धोखा बताते हुए जमकर हमला बोला है. आसिम वकार ने कहा कि बीजेपी चंद इस्लाम की नीतियों और शरीयत की नीतियों का विरोध करने वालों का सम्मेलन कर रही है. आम मुस्लमान हमेशा से बीजेपी की नीतियों के खिलाफ था और रहेगा। बीजेपी सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रही है.
यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) मुसलमानों में पिछड़े वर्ग के लोगों को सम्मान देने और योजनाओं में हिस्सेदारी देने का काम कर रही है। आयोग और बोर्ड में सभी चेयरमैन पसमांदा समाज से हैं. वहीं मोर्चे में 80 प्रतिशत पदाधिकारी भी पसमांदा समाज से है। मैं खुद पसमांदा समाज से नहीं आता हूं, लेकिन आज पसमांदा मुसलमान की आवाज उठा रहा हूं. हम अगड़े और पिछड़े करने नहीं, लेकिन जो समाज में पिछड़ गए हैं उनके दर्द को उठा रहे हैं।
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बासित अली (Basit Ali) ने कहा कि AIMIM नेता की टिप्पणी पर जवाब देना भी गलत होगा, क्योंकि इस्लाम का फर्ज है कि एक मुसलमान दूसरे मुसलमान का दर्द समझे. इस्लाम यह शिक्षा देता है कि एक मुसलमान दूसरे मुसलमान का हक नहीं मारे और उनके साथ खड़ा रहे. निकाय चुनाव में जिस वार्ड में अल्पसंख्यक वर्ग का व्यक्ति जीत सकता होगा वहां मुसलमान को टिकट देने का काम हमारी पार्टी करेगी.
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