लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को भयमुक्त बनाने का भरोसा देकर भाजपा ने सत्ता पर भले ही कब्जा कर लिया, पर विगत साढ़े 4 वर्षों में उत्तर प्रदेश अराजकता की भेंट चढ़ गया. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता संरक्षित अपराधी, बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों में संलिप्त रहे. पुलिस तंत्र ने भी जनता को उत्पीड़न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. यही कारण है कि प्रदेश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. भाजपा के जंगलराज में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सत्ता बल ने जनादेश के साथ खिलवाड़ किया है. बलपूर्वक समाजवादी प्रत्याशियों को नामांकन से रोकने के अलावा उनके समर्थकों पर दबाव बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाया गया. मुकदमे लगाने के साथ घरों पर दबिश दी गई और परिजनों से अभद्रता की जा रही है.
'अपराध में भाजपा नेताओं का हाथ'
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के राज में हत्या, लूट और अवैध खनन तथा दिल्ली शराब के धंधे में भाजपा संगठन से जुड़े तमाम चेहरे भी सामने आए हैं. भाजपा नेतृत्व के साथ अपराधियों की सांठगांठ के चलते ही प्रदेश में भय व दहशत का माहौल बन गया है. महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं.
'विकास में नहीं विनाश में है रुचि'
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को विकास में नहीं बल्कि विनाश में रुचि है. संविधान और नैतिक मूल्य में भाजपा की आस्था नहीं है. जनता से किए गए वादे को निभाने की भी उसकी मंशा नहीं है. भाजपा ने जनता के हर भरोसे को तोड़ने का काम किया है. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि हुक्मरान अब अपने बुझते दिए को बचाने की खातिर बेकरार हैं, क्योंकि वह जान गए हैं- आवाम है खफा और हवा भी खिलाफ है.
अराजकता की भेंट चढ़ा रहा उत्तर प्रदेश: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक बार फिर से योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विगत साढ़े 4 सालों में उत्तर प्रदेश अराजकता की भेंट चढ़ गया.
अखिलेश
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बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमलावर रहते हैं. कभी कानून व्यवस्था को लेकर तो कभी अव्यवस्था को लेकर निशाना साधते रहते हैं. अब जब यूपी विधानसभा चुनाव 2022 धीरे-धीरे पास आ रहा है, तो ऐसे में आरोपों का दौर और भी बढ़ता जा रहा है.