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भाजपा ने लोकसभा की हारी हुई सीटों को जीतने के लिए बनाई योजना, देखें जन-जन तक कैसे पहुंचेगी पार्टी

भाजपा की केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 9 तरह के अभियान चलाने की तैयारी है जो 30 मई से 30 जून तक चलेंगे. इसके अलावा आईए जानते हैं भाजपा की अन्य क्या योजना है.

लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन

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Published : May 28, 2023, 7:59 PM IST

लखनऊ: भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को यूपी से धार देने का काम करेगी. भाजपा का खास फोकस उत्तर प्रदेश की उन 14 लोकसभा सीटों पर ज्यादा रहेगा जिन पर पिछले चुनाव में पार्टी को हाल मिली थी. भाजपा ने इन्हें जीतने के लिए खास प्लानिंग की है. जनता से संवाद करने के लिए घर-घर पहुंचने की रणनीति भाजपा ने बनाई है. साथ ही कई तरह के और अभियान चलाने की भाजपा की योजना है.

भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 9 तरह के अभियान चलाने की बात कही है. इन अभियानों के माध्यम से जनता से संवाद करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी नीतियों और उपलब्धियों को बताने का काम किया जाएगा. जनता को यह बताने की कोशिश होगी कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और पूर्वर्ती कांग्रेस पार्टी के गठबंधन वाली सरकार में क्या अंतर है. किस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने जनता के हितों के लिए काम किया. सबका साथ सबका विकास की योजना पर ही काम किया.

लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन

जन-जन तक पहुंचने की कोशिशः भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा नेतृत्व ने कई तरह के कार्यक्रम चलाने और जनता तक जाने की योजना बनाई है. महासम्पर्क अभियान के तहत 30 मई से 30 जून तक विभिन्न कार्यक्रमों व अभियानों के माध्यम से सरकार की योजनाओं के साथ प्रत्येक नागरिक से सम्पर्क व संवाद का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा. भाजपा के कार्यकर्ता अनुशासन और परिश्रम का पर्याय हैं और प्रत्येक दायित्व को सफलता के साथ सम्पन्न करने में दक्ष हैं. अभियान के तहत लोकसभा स्तर पर जनसभाओं का आयोजन होगा. प्रबुद्ध व व्यापारियों के साथ सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे.

पिछले लोकसभा चुनाव में ये रही स्थितिःपिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 62 और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने दो-मीरजापुर और राबटर्सगंज सीटें जीती थीं. शेष 16 सीटें बसपा, सपा और कांग्रेस के खाते में गई थीं. उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें सपा से छीन लीं. 14 सीटें अब भी पार्टी की गिरफ्त से बाहर हैं. भाजपा अब तक जो 14 सीट नहीं जीत पाईं उनको जीतने की व्यापक रणनीति बनाई गई है. इनमें बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, अमरोहा, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, लालगंज बसपा ने जीती थीं. संभल, मुरादाबाद व मैनपुरी सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं. जबकि रायबरेली सीट कांग्रेस जीती थी. अब इन्हें जीतने के लिए भाजपा नेतृत्व ने कई स्तर पर अपनी रणनीति तैयार की है.

मंत्र‍ियों को सौंपी गई जिम्मेदारीःभाजपा नेतृत्व ने हारी हुई सीटों को जीतने के लिए कई स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से तय किए गए लोकसभा प्रवास कार्यक्रम के अंतर्गत चार मंत्री नरेन्द्र स‍िंह तोमर, डॉ.जितेन्द्र स‍िंह, अश्विनी वैष्णव और अन्नपूर्णा देवी को हारे हुए लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी ने इन सीटों के लिए लोकसभा संयोजक व प्रभारी के साथ विस्तारक भी नियुक्त करने की रणनीति तैयार बनाई है. लोकसभा संयोजक, प्रभारी व केंद्रीय मंत्रियों के माध्यम से पार्टी संगठन को मिलने वाले फीडबैक के आधार पर आगामी रणनीति बनाते हुए जीतने की रूपरेखा तय की जाएगी.

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