लखनऊः भारतीय जनता पार्टी के 10 प्रत्याशियों ने सोमवार को विधान परिषद के लिए नामांकन किया. सभी प्रत्याशियों को 11 बजे पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर पहुंचने को कहा गया था, सभी पहुंचे भी. इन 10 उम्मीदवारों में एके शर्मा की कार्यालय में एंट्री देखने लायक थी. इस दौरान उनमें जोरदार उत्साह दिखा. ऐसा उत्साह किसी अन्य प्रत्याशी में देखने को नहीं मिला.
10 प्रत्याशियों ने सोमवार को विधान परिषद के लिए नामांकन किया. एके शर्मा की जोरदार एंट्री
नौकरशाह से नेता बने अरविंद कुमार शर्मा भाजपा दफ्तर में एंट्री के वक्त अपनी कार के पावदान पर खड़े थे. उत्साहित शर्मा गाड़ी के अंदर से फूल की माला निकाल कर कार्यकर्ताओं के बीच फेंक रहे थे. उनका हाव-भाव एवं आत्मविश्वास पार्टी के किसी राष्ट्रीय नेता अमित शाह और मोदी से कम नहीं था. कमी थी, तो केवल उनके नहीं बोलने की. यहां कई बार मीडिया से उनका सामना हुआ लेकिन वह बोले नहीं. जिंदाबाद, और जनता का पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद ज्ञापित करते रहे. उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.
शर्मा के कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह
शर्मा से अधिक उनके समर्थक उत्साहित दिखे. समर्थकों ने तो उन्हें ऐसे घेर के रखा मानों 'एसपीजी'. एके शर्मा का पीएम मोदी के करीबी होने का संदेश सत्ता के गलियारे में ही नहीं है, आम लोगों के बीच भी है. समर्थकों ने एके शर्मा के लिए खूब नारेबाजी की. समर्थकों के नारे में जो शब्द पिरोए गए उनमें यूपी का कोई नेता फिट न हो सका. केवल नरेंद्र मोदी-एके शर्मा, नरेंद्र मोदी-एके शर्मा का नारा गूंजता रहा. हालांकि कभी कभार अमित शाह सरीखे नेताओं का नाम लिया गया.
मिलेगा बड़ा दायित्व
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि नौकरशाह से नेता बने एके शर्मा ने खुद से यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के करीबी हैं और उनके कहने पर उत्तर प्रदेश की सियासत में कदम रखे हैं. आगे आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी और सरकार की मुख्य धुरी बन कर काम करने वाले हैं. हालांकि यह वक्त ही बताएगा कि सरकार में उनकी क्या भूमिका होगी? लेकिन अभी फिलहाल चर्चा यही है कि मोदी के भरोसेमंद पूर्व नौकरशाह को सरकार में या बाहर बड़ा दायित्व जरूर मिलेगा.
सुरेंद्र चौधरी की भी हुई खूब चर्चा
भाजपा प्रत्याशियों में प्रयागराज की सुरेंद्र चौधरी की भी खूब चर्चा हुई. दरअसल, इनके वाहनों में लगे स्टीकर में एक तरफ सुरेंद्र चौधरी की खुद की फोटो तो दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की. स्टीकर में ऊपर बड़े नेताओं को जगह मिली लेकिन केशव का जो स्थान वह किसी का नहीं. उनका यह स्टीकर बीजेपी दफ्तर में खूब चर्चा में रहा. बताया जा रहा है कि चौधरी डिप्टी सीएम केशव मौर्य के करीबी बताए जा रहे हैं.