उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही भाजपा के पसमांदा फार्मूला का इम्तिहान साबित होगा निकाय चुनाव

भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रत्याशियों पर तगड़ा दांव लगाया है. प्रदेश में 345 मुसलमान और 395 अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लोग निकाय चुनाव के मैदान में हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : May 4, 2023, 9:54 AM IST

अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही भाजपा के पसमांदा फार्मूला का इम्तिहान साबित होगा निकाय चुनाव

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी पिछले लंबे वक्त से अल्पसंखयकों को पार्टी से जोड़ने और विपक्ष के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए पसमांदा दांव चल रही है. यूपी के नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने दिल खोलकर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले लोगों को प्रत्याशी बनाया है. आंकड़ों के मुताबिक 345 मुसलमान और प्रदेश में 395 अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लोग निकाय चुनाव के मैदान में हैं. हालांकि यह चुनाव सिर्फ उन उम्मीदवारों का इम्तिहान नहीं बल्कि अल्पसंख्यक मोर्चे के तहत मिले टिकटों और भारतीय जनता पार्टी के उस फार्मूले की भी अग्निपरीक्षा है जिसमें पसमांदा मुसलमानों को लेकर तमाम कार्यक्रम और सम्मेलन किए गए.


उत्तर प्रदेश में दो चरणों में गुरुवार से नगर निकाय चुनाव का मतदान होना है. इस चुनाव में सबसे ज़्यादा चर्चा अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले प्रत्याशियों की है. जहां अब तक भाजपा मुसलमानों से टिकट बंटवारों में दूरी बनाती रही तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसमांदा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने की हिदायत के बाद बीजेपी ने दिलखोलकर पसमांदा मुसलमानों के लिए काम किया. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे ने मुसलमानों को जोड़ने के लिए लगभग 1200 बड़े-छोटे सम्मेलन किए. प्रदेश में 7000 के करीब बैठक और 1 लाख घरों तक संपर्क किया. निकाय चुनाव में अल्पसंखयकों को आकर्षित करने और उनको जोड़ने के लिए 2700 संयोजक बनाए गए और उनसे 500 से ज़्यादा वर्चुअल मीटिंग्स के ज़रिए फीडबैक लिया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद यूपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष कुंवर बासित अली और प्रदेश सरकार में एक लौतें मुस्लिम मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने भी हर जिले में पहुंचकर विपक्ष के अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाने की ज़ोर आज़माइश की. बड़े मंथन के बाद 395 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भाजपा ने इस चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया. हालांकि एक तरफ यह चुनाव उन प्रत्याशियों के लिए तो इम्तिहान है ही. वहीं लंबे समय से अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारियों को मिली ज़िम्मेदारी और प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए गए दानिश आज़ाद अंसारी के काम की भी अग्निपरीक्षा है. सियासत के जानकारों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी का यह फार्मूला अगर अच्छे नतीजे लाता है तो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा इस रणनीति पर विचार कर सकती है.

यह भी पढ़ें : UP Municipal Election Voting : सीएम योगी बोले- मतदान अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी, लखनऊ में मायावती ने डाला वोट

ABOUT THE AUTHOR

...view details