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बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर सुनील बंसल क्यों भेजे गए दिल्ली, जानिए आरएसएस का प्लानिंग

उत्तरप्रदेश भाजपा की जिम्मेदारी नए प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल को सौंपी गई है. सुनील बंसल राष्ट्रीय महामंत्री बनकर दिल्ली पहुंच गए. अभी उन्हें बंगाल और ओडिशा का प्रभारी बनाया गया है. सूत्रों के अनुसार, अब वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की रणनीति बनाएंगे. जानिए यूपी में बीजेपी को कई बार जीत दिलाने वाले सुनील बंसल के बारे में

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Etv Bharat general secretary sunil bansal

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Published : Aug 10, 2022, 6:22 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 7:51 PM IST

लखनऊ : उत्तरप्रदेश की चुनावी राजनीति मे बीजेपी को बार-बार जीत का स्वाद चखाने वाले यूपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल का प्रमोशन हो गया है. सुनील बंसल अब भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए हैं. पार्टी ने उन्हें लखनऊ से दिल्ली भेज दिया. यह संयोग ही है कि बंसल को यह ओहदा पार्टी ने उस दिन सौंपा, जब बिहार में नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़कर तेजस्वी यादव के साथ आठवीं बार सीएम पद का शपथ ले रहे थे. उनके नए दायित्व के पीछे चर्चा यह भी रही कि यूपी की सरकार में संगठन के बढ़ते हस्तक्षेप के बाद आलाकमान ने एक तीर से कई निशाने साधने के लिए बंसल को दिल्ली बुला लिया.

सुनील बंसल यूपी में कार्यकर्ताओं की फौज को एक्टिव करने में सफल रहे.

भाजपा में राष्ट्रीय महामंत्री का पद पर पहुंचते ही सुनील बंसल पार्टी की उस टीम के सदस्य हो गए हैं, जो राज्यों और देश में पार्टी की जीत की रणनीति बनाने के लिए मशहूर है. उनके अलावा संगठन में अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, दुष्यंत गौतम, डी पुरंदेश्वरी, सी टी रवि, तरुण चुग, दिलीप सैकिया, विनोद तावड़े भी राष्ट्रीय महामंत्री पद पर हैं. इनका समन्वय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष से होगा, जो राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी और आरएसएस के बीच कोर्डिनेशन करते हैं. दोनों संगठनों के बीच संवाद का जिम्मा राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) के पास रहा है. राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) के फैसलों का असर कर्नाटक, उत्तराखंड समेत उन राज्यों में दिखा था, जहां सीएम बदले गए थे.

क्या है आरएसएस की प्लानिंग : बीजेपी संगठन के जानकार मानते हैं कि राष्ट्रीय महामंत्री की टीम में सुनील बंसल की एंट्री आने वाले दिनों में आरएसएस की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा है. अगर आने वाले वक्त में अगर आरएसएस बीजेपी में राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) के लिए नए चेहरे की तलाश करेगा तो बंसल उसके लिए तैयार हो सकते हैं. सुनील बंसल पूर्णकालिक होने के अलावा इस पद के लिए संघ के मानदंडों पर खरे उतर चुके हैं. उनके पास उत्तरप्रदेश में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने का अनुभव है. उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में संगठन को गांव स्तर पर खड़ा किया, उसका रिजल्ट बाद में 2017 यूपी विधानसभा, 2019 लोकसभा चुनाव, 2021 में पंचायत चुनाव और फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत के तौर पर सामने आया. अभी उन्हें ओडिशा और बंगाल का प्रभारी बनाया गया है.

अमित शाह की हर रणनीति को अमलीजामा पहनाने में सफल रहे सुनील बंसल.

यूपी के गांव-गांव में तैयार किए कार्यकर्ता : 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में आने से पहले सुनील बंसल आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जयपुर इकाई के महासचिव थे. आरएसएस ने बंसल को शाह की मदद करने के लिए यूपी भेजा था. तब शाह लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में बड़ी जीत का खाका बुन रहे थे. उस दौर में यूपी इंजार्ज रहे अमित शाह को यह समझ में आया कि भारतीय जनता पार्टी का जनाधार शहरी इलाकों में सीमित है. गांवों में बीजेपी के कार्यकर्ता कम हैं. जो हैं वह भी एक्टिव नहीं है. तब अमित शाह ने सुनील बंसल की मदद से बूथों के हिसाब से डेटा तैयार कराया. लोकसभा चुनाव में हर बूथ पर पोलिंग एजेंट और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी दर्ज कराने की जिम्मेवारी भी उन्होंने सुनील बंसल को दी.

अमित शाह के फॉर्मूले को रट चुके हैं बंसल :छह महीने में दोनों नेताओं ने उत्तरप्रदेश के में 1 लाख 47 हजार बूथों का हिसाब तैयार कर लिया. उसके बाद 2014 का मोदी लहर भारतीय राजनीति के इतिहास में दर्ज हो गया. 2017 के चुनाव के बाद सुनील बंसल को यूपी भाजपा का महासचिव बना दिया गया. इसके बाद बंसल ने शाह के फॉर्मूले को इस तरह लागू किया कि 2014 के बाद हुए चार चुनाव में बीजेपी आगे रही. अब यूपी में बीजेपी के पास दो करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ताओं वाला संगठन है, जिसकी काट फिलहाल विपक्ष के पास नहीं है. इसी के बदौलत यूपी सरकार बड़े राजनीतिक विवादों और विपक्ष के राजनीतिक हमलों को संभाल रही है.

हैदराबाद में आयोजित बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सुनील बंसल.

तेलंगाना में होगा सुनील बंसल का टेस्ट : झारखंड के संगठन मंत्री रहे धर्मपाल को उत्तर प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाया गया है. सुनील बंसल दिल्ली चले गए. मगर राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि पार्टी उन्हें दक्षिणी राज्य तेलंगाना का जिम्मा सौंपेगी. दक्षिण में कर्नाटक के बाद तेलंगाना ही ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी सत्ता में आने की संभावना तलाश रही है. सुनील बंसल उत्तरप्रदेश के अनुभवों के जरिये अगर बीजेपी को सत्ता में लाने में सफल होंगे तो जीत के फार्मूला वाले ग्रैंडमास्टर हो सकते हैं. तेलंगाना में वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे. भाजपा ने सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और के चंद्रशेखर राव को घेरने तैयारी पहले ही कर रखी है. फिलहाल उन्हें ओडिशा और पश्चिम बंगाल का प्रभार दिया गया है.

पढ़ें : सुनील बंसल बनाए गए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री, धर्मपाल बने यूपी के संगठन मंत्री

Last Updated : Aug 10, 2022, 7:51 PM IST

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