लखनऊः जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही प्रदेश में एक बार फिर राजनीति गरम हो गई है. बीजेपी के 60 सीटों पर अध्यक्ष पद की जीत के दावे कर चुकी है. वहीं विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर चुनाव में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और धनबल का इस्तेमाल का आरोप लगा रही हैं. मामले को लेकर समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस महानिदेशक से मिलकर उन्हें शिकायती पत्र भी सौंपा है. इन सबके बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ताजा बयान से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में गहमागहमी और बढ़ गई है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा पंचायत चुनावों में हार से बुरी तरह बौखलाई हुई है. संख्या बल न होते हुए भी अपने अध्यक्ष बनाने के लिए भाजपा व्याकुल है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व सरकारी तंत्र पर दबाव डालते हुए पंचायत सदस्यों को डरा धमकाकर अपने पक्ष में मतदान के लिए मजबूर कर रहा है. यह सत्ता का घोर दुरुपयोग है और भाजपा सरकार की इन दमनकारी नीतियों से लोकतंत्र खतरे में है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि औरैया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, एटा, हापुड़, सिद्धार्थनगर, रामपुर, गोरखपुर, फर्रुखाबाद आदि जनपदों में सत्ता दल खुलकर समाजवादी पार्टी के निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों और समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को उत्पीड़न का शिकार बना रहा है. हद तो यह है कि सरकारी तंत्र द्वारा पंचायत सदस्यों के परिवारीजनों को भी तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है.
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पुलिस महानिदेशक से कर चुके हैं शिकायत
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल ने पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक से भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन नतीजा अभी आना बाकी है. खजनी के भाजपा विधायक पर गोरखपुर में क्षेत्र पंचायत सदस्य के पुत्र का अपहरण किए जाने का आरोप है. यहां भाजपा विधायक की बहू ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ रही है. रामपुर में सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षी जिला पंचायत सदस्यों का प्रशासन उत्पीड़न कर रहा है. कभी वाहन चेकिंग तो कभी बिजली चेकिंग के बहाने परेशान किया जा रहा है. जिला पंचायत सदस्यों के पतियों का भी उत्पीड़न किया जा रहा है. उनके घरों में दबिश दी जा रही है.
धनबल व बाहुबल से चुनाव जीतना चाहती है भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार प्रशासन और पुलिस के दम पर जिला पंचायत सदस्यों पर दबाव बनाकर धनबल से अपने जिला पंचायत अध्यक्षों को जितवाना चाहती है, लेकिन उसे जनता के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. जनता 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता बेदखल करने का निश्चय कर चुकी है. इस बार जनता समाजवादी पार्टी की ही प्रदेश में सरकार बनाएगी.
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पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सपा जिला अध्यक्ष निष्कासित
वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से बागपत के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओंकार यादव और किरण पाल उर्फ बिल्लू प्रधान पूर्व बागपत के जिलाध्यक्ष को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से समाजवादी पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया.