लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या विवाद पर आने वाले फैसले के मद्देनजर हर तरफ सतर्कता बरती जा रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर समाज के अन्य तबके, जिनमें मुस्लिम धर्मगुरु भी शामिल है, सबकी तरफ से पूरी संवेदनशीलता दिखाई जा रही है. इस मामले को लेकर बीजेपी नेतृत्व ने भी सरकार और संगठन के लोगों को सख्त हिदायत दी है कि अयोध्या विवाद पर कहीं, किसी भी प्रकार की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए.
फैसले पर पूरी सतर्कता बरतें
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सलाह पर भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है. बीजेपी नेताओं को सख्त हिदायत दी गई है कि इस विषय पर किसी भी प्रकार की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. सरकार और संगठन के लोग अयोध्या के आने वाले फैसले पर पूरी सतर्कता बरतें संवेदनशीलता दिखाएं और जब भी कुछ बोलने की आवश्यकता होगी, तो पार्टी के शीर्ष स्तर पर तय होने के बाद ही कुछ बोला जाएगा.
नेताओं की बयानबाजी पर प्रतिबंध
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित तमाम मुस्लिम धर्मगुरु समाज में सद्भाव और शांति की अपील कर रहे हैं. इस संवेदनशील मुद्दे पर शांति बनाए रखने के लिए एक-दूसरे धर्म के लोग आपस में मुलाकातें कर रहे हैं. सभी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला हो उसे हर किसी को मानना चाहिए. इसको लेकर देश भर में शांति और सद्भाव का माहौल तैयार किया जा रहा है. ऐसे में बीजेपी के कुछ नेताओं की तरफ से पिछले कुछ दिनों में जिस प्रकार से बयानबाजी की गई. उसको लेकर पार्टी नेतृत्व भी चिंतित है और यही कारण है कि नेताओं की बयानबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
विनय कटियार की बयानबाजी पर लगी लगाम
भारतीय जनता पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व ने वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार को भी अब कोई बयानबाजी से बचने के लिए कहा है. विनय कटियार ने पिछले दिनों यह बयान दिया था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी हो, लेकिन अयोध्या में तो सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा. इस बयान के बाद समाज के विभिन्न तबकों ने नाराजगी जताई कि जब शांति और सद्भाव की बात हो रही है तो फिर विनय कटियार क्यों बयानबाजी कर रहे हैं, जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा विनय कटियार को भी बयान देने से मना किया गया है.
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