लखनऊ : डॉ भीमराव आंबेडकर, कांशीराम के बाद में अब भारतीय जनता पार्टी की नजर मुलायम सिंह यादव पर भी है. भाजपा इन दिवंगत नेताओं के जरिये समय समय पर इनके लाखों समर्थकों के बीच पैठ बनाने के प्रयास में भारतीय जनता पार्टी लगातार लगी हुई है. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु से लेकर उनकी पुण्यतिथि तक भाजपा के बड़े नेता उनको श्रद्धांजलि देने से नहीं चूक रहे. इससे पहले मैनपुरी में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने भी अपने नामांकन से पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की थी. जिससे यह स्पष्ट है कि मुलायम सिंह यादव के समर्थकों को भाजपा अपने पाले में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यह बात अलग है कि औपचारिक तौर पर भाजपा इस बात को मानने से इंकार कर रही है. पार्टी इसको लगातार राजनैतिक मर्यादा का पालन ही मान रही है.
वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी अभियान शुरू हुआ था उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के बड़े दिवंगत नेताओं को याद करने की राजनीति शुरू कर दी थी. सबसे पहले यादव डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर आजमाया गया. उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के पारंपरिक मतदाता को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा ने यह दांव खेला था. इसके बाद में बसपा पर और डेंट लगाने के लिए कांशीराम को लेकर की भी भाजपा ने यही सहानुभूति कार्ड खेला था.