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इन वीआईपी सीटों में दांव पर लगी बीजेपी के इन दिग्गजों की किस्मत...पढ़िए पूरी खबर - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के तहत कई वीआईपी सीटों के लिए दिग्गजों के नामों का ऐलान कर दिया है. अभी कई दिग्गजों के नामों का ऐलान होना बाकी है. चलिए जानते हैं अभी तक की घोषित सीटों में कौन वीआईपी किस सीट से ताल ठोक रहा है.

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इन वीआईपी सीटों पर दांव में लगी बीजेपी के इन दिग्गजों की किस्मत

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Published : Jan 26, 2022, 7:04 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 9:40 PM IST

हैदराबादः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने 194 उम्मीदवारों की लिस्ट अबतक जारी कर दी है. 100 और उम्मीदवारों की लिस्ट जल्द ही आने वाली है. अभी तक जारी हुई लिस्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी ने कई दिग्गजों पर दांव लगाया है. ये दिग्गज जहां से लड़ेंगे वे सीटें वीआईपी हैं. चलिए जानते हैं बीजेपी ने कौन से दिग्गज पर कौन सी सीट पर दांव लगाया है.

सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से
पहले सीएम योगी के मथुरा या फिर अयोध्या से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. फिर पार्टी हाईकमान ने उन्हें गोरखपुर से ही चुनाव लड़ने का टिकट दे दिया. योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लोकसभा सीट से पहली बार बीजेपी उम्मीदवार के रूप में 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा था. तब वह 26 हजार वोटों से जीते थे और सबसे कम उम्र के सांसद बने थे. तब से वे लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे. 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर विधानसभा परिषद की सदस्यता ले ली. गोरखपुर में वह पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस सीट से आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद भी उतरने जा रहे हैं. ऐसे में देखना रोचक होगा कि सीएम योगी क्लीन स्वीप मारेंगे या फिर उन्हें विरोधियों से कड़ी टक्कर मिलेगी. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा को 1,22,221, कांग्रेस-सपा (गठबंधन) को 61,491, बसपा को 24,297 व पीस पार्टी को 2,252 वोट मिले थे.

सिराथू से फिर लड़ेंगे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या ने 2002 में पहला व‍िधानसभा चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2007 के विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद पश्चिमी सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे, इस बार उन्हें बसपा की पूजा पाल से हार का सामना करना पड़ा. 2012 में उन्हें सिराथू विधानसभा से जीत मिली. उन्हें 57,926 वोट मिले. दूसरे नंबर पर बसपा के आनंद मोहन को 48,063 वोट मिले. 2014 में उन्होंने फूलपुर लोकसभा चुनाव से चुनाव लड़ा और सांसद हो गए. उन्हें 5,03,564 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर सपा के धर्मराज सिंह पटेल को 1,95,256 वोट मिले थे. 2016 में वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए. 2017 में बीजेपी को बंपर जीत मिली. केशव प्रसाद मौर्य उपमुख्यमंत्री बने. 18 सितंबर 2017 को केशव प्रसाद मौर्य विधान परिषद के सदस्य मनोनीत किए गए. केशव मौर्य अब फिर से सिराथू सीट से ताल ठोकने जा रहे हैं.

गन्ना मंत्री सुरेश राणा थानाभवन से
गन्ना मंत्री सुरेश राणा शामली के थानाभवन विधानसभा से ताल ठोकने जा रहे हैं. 2017 के चुनाव में उन्हें इस सीट से 90995, बसपा के राव बारिस को 74178, सपा के सुधीर पवार को 13340 वोट मिले थे जबकि रालोद के जावेद राव को 31275 वोट मिले थे. सुरेश राणा 2012 और 2017 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं.

मथुरा से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत मिश्रा
2017 में बीजेपी के टिकट पर मथुरा में पहली बार चुनाव लड़ने उतरे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत मिश्रा को को 1 लाख 43 हजार 361 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे प्रदीप माथुर को 42 हजार 200 वोट मिले थे. बसपा के योगेश द्विवेदी 31 हजार 168 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे. एबीवीपी और भाजयुमो से जुड़ाव रखने वाले श्रीकांत मिश्रा को कुशल मीडिया प्रबंधन के लिए जाना जाता है. पार्टी उन्हें पिछले बार मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी भी दे चुकी है.

मंत्री सुरेश खन्ना शाहजहांपुर सीट से
शाहजहांपुर सीट से बीजेपी के सुरेश खन्ना ने लगातार 8 वीं बार जीत दर्ज की है. 2017 के चुनाव में सुरेश कुमार खन्ना को 1 लाख 7 हजार 34 वोट मिले थे जबकि सपा के तनवीर खान को 81531 वोट मिले थे. इस बार यदि वह नौवीं जीत दर्ज करते हैं तो 33 साल में लगातार नौ जीत का यह अपने आप में अनूठा रिकार्ड होगा. वह 1989 से लगातार कोई चुनाव नहीं हारे हैं.

आगरा कैंट से मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश
मंत्री डॉ. गिर्राज सिंह धर्मेश (dr GS Dharmesh) पेशे से चिकित्सक हैं. वे आगरा कैंट से चुनाव लड़ेंगे. डॉ. जीएस धर्मेश 2012 में विधानसभा चुनाव में करीब 5400 वोटों से हार गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया। इस बार उन्होंने 45,000 मतों से शानदार जीत दर्ज की.

आगरा ग्रामीण से पूर्व गर्वनर डॉ. बेबी रानी मौर्य
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य 2007 में एत्मादपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं थी तब वह हार गई थीं. इस बार वह आगरा ग्रामीण से चुनाव लड़ने जा रही हैं. उनके चुनाव लड़ने से यह सीट भी वीआईपी हो गई है.

हाथरस की सादाबाद सीट से रामवीर उपाध्याय
बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए रामवीर उपाध्याय बीजेपी के टिकट पर सादाबाद सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 2017 में जब वह बसपा में थे तब उन्हें 91365 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रालोद के डॉ अनिल चौधरी को 64775 वोट मिले थे. भाजपा की प्रीति चौधरी को 36134 वोट मिले थे. सपा के देवेंद्र अग्रवाल को 29060 वोट मिले थे.

हरदोई से नितिन अग्रवाल
बीते दिनों सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नितिन अग्रवाल इस बार बीजेपी के टिकट पर हरदोई से ताल ठोकने जा रहे हैं. 2017 में जब वह सपा में थे तब उन्हें 97735 वोट मिले थे. भाजपा के राजा बक्श सिहं को 92626, बसपा के धर्मवीर सिंह को 30628 वोट मिले थे. बीते दिनों नितिन अग्रवाल तब चर्चा में आए थे जब वह यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए थे. सपा ने इन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था. सपा ने नरेंद्र वर्मा को उम्मीदवार बनाया था. नितिन अग्रवाल को बीजेपी ने समर्थन देते हुए जिता दिया था. इसके बाद नितिन अग्रवाल भाजपा में शामिल हो गए.

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रायबरेली से अदिति सिंह
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली की सदर विधानसभा सीट से विधायक अदिति सिंह अब बीजेपी के टिकट पर ताल ठोकने जा रहीं हैं. कभी प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी की खास रहीं अदिति सिंह अब उनसे किनारा कर चुकीं हैं. पीएम मोदी की तारीफ करने के बाद कांग्रेस के विरोध का सामना करने वाली अदिति सिंह अब पूरी तरह से भाजपाई हो चुकीं हैं. पूर्व बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह का जिले में खास रसूख है. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और करीब 90 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी. उन्हें 1,28,319 वोट मिले थे.

कन्नौज से असीम अरुण
कन्नौज सीट वैसे भी वीआईपी रही है. इस बार इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे आईपीएस और पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण बीजेपी के झंडे तले मतदाताओं को रिझाते नजर आएंगे. सपा के गढ़ में असीम अरुण की चुनौती कितना रंग लाएगी यह तो आने वाले वक्त ही बताएगा.

बिधूना से रिया शाक्य सबसे युवा प्रत्याशी
इस बार रिया शाक्य बीजेपी की सबसे युवा प्रत्याशी हैं. बिधूना सीट से चुनाव लड़ने जा रहीं रिया की उम्र महज 25 साल है. सबसे रोचक बात यह है कि वह बिधूना के वर्तमान विधायक विनय शाक्य की बेटी हैं. विनय शाक्य सपा में चले गए हैं. ऐसे में यदि सपा विनय शाक्य को प्रत्याशी बनाएगी तो एक सीट पर बाप-बेटी आमने-सामने होंगे. अगर ऐसा हुआ तो यहां का चुनाव काफी रोचक हो जाएगा.

महाराजपुर से मंत्री सतीश महाना
कभी सीएम और डिप्टी सीएम की रेस में शामिल रहे औद्यौगिक विकास मंत्री सात बार से भाजपा विधायक हैं. साफ-सुथरी छवि वाले सतीश महाना का यह आठवां चुनाव होगा जो वह बीजेपी के टिकट पर लड़ेंगे.2017 के चुनाव में महाराजपुर सीट से लड़े सतीश महाना को 132394 वोट मिले थे जबकि बसपा के मनोज कुमार शुक्ला को 40568 वोट मिले थे. सपा की अरुणा तोमर को 38752 और कांग्रेस के राजराम पाल को 18697 वोट मिले थे.

इनके टिकट भी फाइनल होने के करीब
बीजेपी जल्द ही 100 प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाली है. इसमें सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं अपर्णा यादव, कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएण डॉ. दिनेश शर्मा और मंत्री आशुतोष टंडन के टिकट फाइनल होने की उम्मीद हैं.

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Last Updated : Jan 27, 2022, 9:40 PM IST

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