लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई है. राजधानी लखनऊ में भी समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी विजयलक्ष्मी ने जहां अपने समर्थकों के साथ अपना नामांकन दाखिल किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी आरती रावत ने प्रदेश सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक, महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह व सांसद कौशल किशोर के साथ अपना नामांकन दाखिल किया. दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे किए.
प्रदेश की राजधानी होने के नाते राजधानी लखनऊ के जिला पंचायत का चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. विगत जिला पंचायत के चुनाव में लखनऊ से जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर विजय बहादुर यादव विजय हुए थे, हालांकि विजय बहादुर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा में शामिल करा लिया है. ऐसे में भाजपा को फायदे की उम्मीद है.
क्या कहते हैं मंत्री
भाजपा प्रत्याशी का नामांकन कराने आए प्रदेश सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक का कहना है कि भाजपा की घोषित जिला पंचायत प्रत्याशी आरती रावत को सभी का समर्थन प्राप्त है और ऐसे में भाजपा की प्रत्याशी विजयी होंगी. मंत्री बृजेश पाठक का कहना है कि समाजवादी पार्टी अपनी विफलता को ट्वीट कर अपनी खींच मिटाना चाहती है. जबकि जनता का समर्थन भाजपा के साथ हैं.
क्या कहते हैं पूर्व मंत्री
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: लखनऊ से भाजपा और सपा ने किया नामांकन
राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी विजयलक्ष्मी ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी आरती रावत ने भी अपना नामांकन दाखिल किया है. दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे कर रहे हैं.
इस बारे में समाजवादी सरकार में मंत्री रहे रविदास मेहरोत्रा का कहना है कि समाजवादी पार्टी के पास 13 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हैं, पर जिला पंचायत का चुनाव लखनऊ के जिलाधिकारी और कमिश्नर लड़ रहे हैं. यदि निष्पक्ष चुनाव हुए तो प्रदेश में 50 से अधिक जिला पंचायत अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के होंगे. भारतीय जनता पार्टी सत्ता बल और धन बल के सहारे यह चुनाव जीतना चाहती हैं.
बृजेश पाठक पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने प्रदेश सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक पर निशाना साधते हुए कहा कि बृजेश पाठक पूर्वांचल के अपराधिक गैंग के शूटर रहे हैं और उन्होंने कोई विकास नहीं किया है. बृजेश पाठक की गाड़ी में खुलेआम अपराधी घूम रहे हैं.
यह सीटों का गणित
जिला पंचायत के चुनाव में अभी सीटों की गणित पर बात की जाए तो राजधानी लखनऊ में 25 सदस्य हैं. इन 25 सदस्यों में से 10 सदस्य समाजवादी पार्टी के समर्थित हैं. जबकि बसपा समर्थित पाच जिला पंचायत सदस्य हैं. भारतीय जनता पार्टी के पास तीन सदस्य हैं, जबकि सात निर्दलीय सदस्य हैं. ऐसे में भाजपा ने जिस पुराने जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव को अपने पाले में किया है उनके साथ सदस्य बताए जा रहे हैं.
बताते चलें कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और यही कारण है कि जहां समाजवादी पार्टी अपने पुराने अध्यक्षों को बरकरार करने की जुगत में लगी हुई हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में 50 से अधिक जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में की जुगत में लगी हुई है.