लखनऊ :दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की हार हो चुकी है. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी बड़ी तैयारियों के साथ उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में जुटेगी. पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 1100 वार्डों को जीतने का लक्ष्य तय कर लिया है. कुल 1400 पर चुनाव होगा. भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. जिसमें अलग-अलग समाज के लोगों को जोड़ने के लिए अब भाजपा सम्मेलन करेगी.
नगर विकास विभाग की ओर से सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में 17 महापौर पद के अलावा प्रदेश भर के नगर पालिका और नगर पंचायत चेयरपर्सन और चेयरमैन पद पर आरक्षण व्यवस्था को घोषित कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में से 9 सीटें आरक्षित और 8 अनारक्षित होंगी. करीब पांच साल बाद लखनऊ और कानपुर के महापौर पद को इस बार सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है. नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 79 सीट अनारक्षित और 121 सीटें आरक्षित होंगी. नगर पंचायत अध्यक्ष की 545 में से 217 सीटें अनारक्षित होंगी नगर पंचायत अध्यक्ष की 328 सीटें आरक्षित होंगी.
निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने 80 फ़ीसदी सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य पदाधिकारियों को दिया है. पूरे प्रदेश में मंत्रियों की जिम्मेदारी अलग-अलग निकायों में तय कर दी गई है. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के निकाय चुनाव में हुई हार के बाद उत्तर प्रदेश में अब भाजपा और सक्रिय हो गई है. अलग-अलग समाज के सम्मेलन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित किया जा चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अपने काम गिनाए हैं. इसी तरह के सम्मेलनों की संख्या और अधिक बढ़ेगी. जिसके जरिए भारतीय जनता पार्टी 11 सौ से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य पूरा करेगी. एक बार फिर से पन्ना प्रमुखों को और बूथ कमेटियों को सक्रिय किया जा रहा है. 15 दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा होना संभव है, जिसके बाद भाजपा की तैयारियां और तेज हो जाएंगी.