लखनऊ:लखनऊ विश्वविद्यालय ने आज अपने प्रांगण में राष्ट्रीय एकता दिवस' मनाया. वहीं, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को याद किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत सभी ने ललित कला संकाय के प्रांगण में सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यापर्ण और पुष्पांजलि कर की.
सरदार पटेल, जिन्हें ब्रिटिश उपनिवेश के अंत के बाद देश को एकजुट करने का श्रेय दिया जाता है और उनके उपदेश और सिद्धांतों को डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन, रजिस्ट्रार डॉ. विनोद सिंह, LUTA प्रेसिडेंट डॉ. नीरज जैन सहित समारोह मे उपस्थित सभी लोगों ने श्रद्धाजंलि दी.
समारोह में छात्रों ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए. नुक्कड़ नाटक समूह अक्षम्य ने आज के भारत में सरदार पटेल की शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर 'तिरंगा' नामक एक नाटक भी प्रस्तुत किया. प्रदर्शनी में इसके अलावा बताया गया कि बारडोली आंदोलन में किसानों का नेतृत्व करने के कारण ही पटेल को सरदार की उपाधि दी गई. इसकी एक खबर भी सत्याग्रह अखबार में 23 अप्रैल, 1930 को छपी थी.
कुलसचिव प्रोफेसर एस. विक्टर ने किया याद
सरदार वल्लभभाई पटेल में उनके काम और योजनाओं को लेकर दृढ़ निश्चय था, जिसकी बदौलत उन्होंने सामाजिक व जातिगत असमानता से लड़ते हुए वह प्राप्त किया जिसकी उन्होंने कल्पना की थी. सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर हम सभी को अपने काम को ईमानदारी से करने की जरूरत है, देश और विश्वविद्यालय तभी प्रगति कर सकता है. जब हम सभी व्यक्तिगत रूप से अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे.
सरदार पटेल ने यूपी राजभवन में किया पौधे का रोपड़
सरदार पटेल ने प्रदेश के राजभवन में आम के पौधे का रोपड़ किया था. 1949 में जब सरोजनी नायडू उत्तर प्रदेश की राज्यपाल थीं. उस दौरान सरदार पटेल ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया था, जहां उन्होंने पौधारोपण किया था.
देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नाडिया में हुआ था. उनका पूरा नाम वल्लभ भाई जावेद भाई पटेल था. उनकी पत्नी का नाम झावेरबेन पटेल था. उनके एक बेटा दया भाई और बेटी मणिबेन पटेल थी. उनकी बुद्धि बड़ी तीव्र थी. उन्होंने ने लंदन में बैरिस्टरी के छत्तीस माह की पढ़ाई को तीस माह में पूरा कर लिया था.
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