लखनऊ: 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा', किसने कहा था? जी हां, नेती जी सुभाष चंद्र बोस ने. आज देश नेता जी की 123वीं जयंती मना रहा है. बोस का जन्म साल 1897 में ओडिशा में हुआ था. अंग्रेजों को भारत से चलता करने और देश को आजादी दिलाने में बोस का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
जयंती विशेष: जानें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अनोखी प्रेम कहानी!
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म साल 1897 में ओडिशा में हुआ. अंग्रेजों को भारत से चलता करने और देश को आजादी दिलाने में बोस का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
आपको बताते हैं नेता जी सुभाष चंद्र बोस और उनकी पत्नी एमिली की अनोखी प्रेम कहानी के बारे में. इस प्रेम कहानी का किस्सा हमें मिला सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस के पोते सुगत बोस की किताब 'हिज़ मैजेस्टी अपोनेंट- सुभाष चंद्र बोस एंड इंडियाज स्ट्रगल अगेंस्ट एंपायर' में. बात साल 1930 की है, भारत में शुरू हुए सिविल सिविल डिसओबेडिएंस मूवमेंट के दौरान सुभाष चंद्र बोस को अंग्रेजों ने जेल भेज दिया था. जेल में अचानक बोस की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद इलाज के लिए ब्रिटिश सरकार उन्हें यूरोप भेजने को राजी हो गई.
इलाज के दौरान उनकी मुलाकात एक यूरोपीय प्रकाशक से हुई, जिसने उन्हें 'द इंडियन स्ट्रगल' नाम की किताब लिखने के लिए कहा. इस किताब को लिखने के लिए बोस को एक सहयोगी की जरूरत महसूस हुई, जो अंग्रेजी और टाइपिंग दोनों जानता हो. इसी जरूरत ने उनकी मुलाकात 23 साल की एमिली शेंकल से कराई. सुगत बोस की किताब के मुताबिक एमिली की ख़ूबसूरती ने सुभाष पर जादू सा कर दिया. धीरे-धीरे यह रिश्ता गहरा होता गया और साल 1937 में बोस ने एमिली से शादी कर ली.