लखनऊ :उत्तर प्रदेश में अब सैकड़ों करोड़ की लागत से कंप्रेस्ड बायोगैस और बायोडीजल का उत्पादन (Establishment of bio diesel production plants) किया जाएगा. हर रोज बायोगैस और बायोडीजल का उत्पादन होगा. यूपीनेडा मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जास्रोत महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक में जैव ऊर्जा की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई. कम्प्रेस्ड बायोगैस और बायो डीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 550 करोड़ रुपये के 12 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली. बायोडीजल के लिए लखनऊ में सिसोदिया रिसर्च लेबोरेटरीज प्रा लि. और मैटफ्यूजन वेल्ड प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना होगी.
यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने बताया कि 'इन स्वीकृत 12 परियोजनाओं से प्रदेश में 93 टन सीबीजी और 44 किलो लीटर बायो डीजल का उत्पादन रोजाना होगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में 13 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की थी जिन पर आवश्यक निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. अभी तक स्वीकृत कुल 25 प्रस्तावों से 1271 करोड़ रुपए का निवेश होगा. उन्होंने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अब तक लगभग सात लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव यूपीनेडा को प्राप्त हुए हैं. इसमें से लगभग 57 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के तहत बायो ऊर्जा क्षेत्र के हैं. कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल और बायोकोल के प्लांटों की स्थापना के लिए 354 निवेशकों ने अपनी परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए यूपीनेडा के समक्ष अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. 80 परियोजनाओं को यूपीनेडा स्तर से सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.'