लखनऊ :जलवायु परिवर्तन में हो रहे तेजी से बदलाव को लेकर डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (AKTU) में बुधवार दो दिवसीय अर्ब केयर सम्मेलन का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत में बेल्जियम और लक्जमबर्ग के राजदूत डिडियर वेंडरहैजल्ट मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और कार्बन डाइ ऑक्साइड की बढ़ती मात्रा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बेल्जियम में वर्ष 2012 में 25 फीसदी लोग ही शहरी क्षेत्रों में रहते थे, लेकिन आज 80 फीसदी लोग शहरी क्षेत्रों में रहने आ गए हैं. ऐसे में भारत को भी सटीक प्लानिंग की जरूरत है आने वाले समय में शहरी क्षेत्रों में दबाव बढ़ेगा तो उत्सर्जन ज्यादा होगा. इससे निपटने के लिए अर्बन डेवलपमेंट का लेकर प्लानिंग की जरूरत पड़ेगी.
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में आयोजित अर्ब केयर सम्मेलन में मौजूद अतिथि. जलवायु परिवर्तन के लिए सभी की जिम्मेदारी जरूरी :दो दिवसीय अर्ब केयर सम्मेलन का आयोजन फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग की डीन वंदना सहगल ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ वन विभाग के मंत्री डॉ. अरुण कुमार और एकेटीयू कुलपति जेपी पांडे ने किया. अरुण कुमार ने कहा कि कार्बन डाई ऑक्साइट के उत्सर्जन के लिए अकेले सिर्फ सरकार या कोई संगठन जिम्मेदार नहीं है. यह प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वह कार्बन डाई ऑक्साइड के बढ़ते उत्सर्जन के लिए साथ आए. जलवायु परिवर्तन के लिए प्रत्येक नागरिक को जिम्मेदारी उठानी होगी. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन एसीएस मनोज सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकार ठोस कदम उठा रही है, लेकिन सभी की सहभागिता जरूरी है. सरकार ने इस वर्ष करीब 35 करोड़ पौधे लगाए हैं.
ग्रीन हाइड्रोजन आज की जरूरत : कार्यक्रम में मौजूद अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि विजन 2030 को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि अयोध्या ने फूलों का रिसाइकिल करने को लेकर फूल डॉट कॉम नामक एक संस्था के साथ समझौता किया है. जिसके परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. एकेटीयू कुलपति ने कहा कि उत्सर्जन घटाने के लिए आज ग्रीन हाइड्रोजन की तरफ बढ़ना होगा. विकसित देशों के लिए इसे खरीदना आसान है, लेकिन भारत देश आने वाले समय में इसे खरीदेगा. अभी फिलहाल, हमें सोलर पॉवर के इस्तेमाल को बढ़ाना होगा. जलवायु परिवर्तन में हो रहे बदलाव और कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का कम किया जा सकता है.
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 13 शोधकर्ता हुए सम्मानित : लखनऊ विश्वविद्यालय के फॉर्मेसी विज्ञान संस्थान में चल रही दो दिवसीय औषधि विकास और औषधि खोज पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (सीडी4-2023) के दूसरे दिन 10 साइंटिफिक सेशन का आयोजन हुआ. इसमें मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रो स्टीवन ने हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन लिपोसोम्स से कैंसर का निवारण संभव विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें सभी ने खासी रुचि दिखाई. उन्होंने साथ ही कई मार्केट प्रोडक्ट्स की जानकारियां दी. उनके साथ सम्मेलन में कई अन्य वक्ताओं ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए. कार्यक्रम में फॉर्मेसी के क्षेत्र में युवा छात्रों के पैनल डिस्कशन का आयोजन हुआ. जिसमें डॉ. विनय कुमार गुप्ता, डॉ. अजय सचान, डॉ. नसीम सिद्दीकी आदि ने विभिन्न अवसरों एवं उपलब्धियों के बारे में बताया युवा शोधकर्ताओं ने अपने शोध को पोस्टर एवं प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत में सर्वोत्तम शोध करने वाले 13 युवा शोधकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया.
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