लखनऊः लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने 4300 करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाला मामले में शुक्रवार रात बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने निगोहां स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर 145 बाइक बोट बरामद की है. पुलिस ने गोदाम मालिक कुलदीप शुक्ला और सदर निवासी अमित अग्रवाल को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस की इस कार्रवाई से अफरा-तफरी का माहौल है. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने की है. इसमें न तो गाजियाबाद पुलिस, न ही ईओडब्ल्यू और न अन्य कोई पुलिस या एजेंसी या खुफिया तंत्र शामिल है.
सूत्रों की मानें तो सदर की रहने वाले अमित अग्रवाल ने लखनऊ जनपद की बाइक बोट कम्पनी की फ्रेंचाइजी ले रखी थी. कुलदीप शुक्ल फ्रेंचाइजी में बराबर के पार्टनर थे. मोहनलालगंज कोतवाली के भावाखेड़ा गांव में हाइवे किनारे स्थित कुलदीप के कार्यालय के बेसमेंट से 117 व निगोहा थाना क्षेत्र के ब्रम्हदासपुर स्थित घर से 28 बाइकें बरामद की गईं हैं.
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ये है पूरा मामला
बता दें कि 4300 करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले मामले में नोएडा में दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए थे. आर्थिक अपराध शाखा इन मुकदमों की जांच कर रही है. इस मामले में अब तक मास्टर माइंड बीएन तिवारी समेत एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. सभी अभी जेल में ही हैं. इसके तहत लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़प कर अर्जित की गई संपत्तियों पर पुलिस की पैनी निगाह है. आरोपियों के पास मिली संपत्तियों को जब्त करने की लगातार कार्रवाई की जा रही है.
जीआईपीएल की स्कीम बताकर हड़पे थे करोड़ों रुपये
बिजेंद्र हुड्डा की डीटीएच कंपनी इंडिपेंडेंट टीवी (पूर्व रिलायंस बिग टीवी) को सेवा देने के लिए उनका समझौता हुआ था. इसी दौरान बिजेंद्र ने बीएन तिवारी की मुलाकात संजय भाटी से कराई थी. इसके बाद जीआइपीएल की स्कीम बताते हुए जुड़ने को कहा गया. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे मनोज तिवारी और कुश तिवारी को आइटीवी का निदेशक बना दिया. संजय भाटी ने अपनी कंपनियों में वित्तीय सलाहकार एवं प्रशासनिक संचालक बना दिया था. बीएन तिवारी ने करीब 41 करोड़ रुपया उक्त कंपनियों से अपनी मार्स ग्रुप की कंपनियों के खातों में डाल लिए.