लखनऊ:राजधानी में ही योगी सरकार का गड्ढामुक्ती अभियान दम तोड़ रहा है. मुख्य मार्ग से गांवों को जोड़ने वाली सड़कें बदहाल हो गई हैं, जिन पर बरसात में चलना दुश्वार हो रहा है. सड़कों के नाम पर यहां सिर्फ गढ्ढे हैं. बरसात के मौसम में तो लोगों को मजबूरन इस सड़क पर पानी और कीचड़ में से होकर गुजरना पड़ता है.
ये हाल है सड़कों का
राजधानी लखनऊ के बीकेटी तहसील क्षेत्र में रैथा रोड से पूरबगांव, रपरा, सरौरा समेत कई गांवों को जोड़ने वाली डामर रोड पूरी तरह टूट चुकी है. सड़क की जगह यहां सिर्फ मिट्टी ही रह गई है, जिस कारण बरसात में जगह-जगह कीचड़ हो जाता है और मौसम सूखा होने पर धूल उड़ती है. पैदल और मोटरसाइकिल से गुजरने वाले राहगीरों को इस मार्ग पर तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एनएच 24 सीतापुर रोड से 12 किलोमीटर दूर बेहटा में कुर्सी रोड को जोड़ने वाली अस्ती रोड इस समय क्षेत्र की सबसे खराब सड़कों में शुमार हो चुकी है. क्षेत्र में हरधौरपुर, शिवपुरी रोड, तहसील रोड, कुर्सी रोड से बीबीपुर रोड, संसारपुर, मवई खंतारी, अमानीगंज, अटेसुआ, महिंगवां, टिकरी समेत इलाके की तमाम सड़कें जर्जर और उसमें बड़े बड़े गड्ढों हो चुके हैं. गड्ढा मुक्ती का फरमान यहां धरातल पर पूरी तरह से बेअसर दिखाई दे रहा है.
सड़कों की क्या स्थिति है इस सबंध में लोग बोले
ग्राम कठवारा निवासी हरिद्वार सिंह ने कहा खराब सड़कों के लिये पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं. उनका कहना है कि सरकार को अधिकारी बदनाम कर रहे हैं. चंद्रिका देवी रोड, रैथा, कुम्हरावां, शिवखड़, कुमहरावां रोड, शिवपुरी रोड की खराब स्थिति के लिए अधिकारी ही जिम्मेदार हैं.