उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आदिवासी विरासत को पहचान दिलाने की कवायद, भारिया-बैगा संस्कृति बचाने की CM से अपील - bharia tribes

छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट के चिमटीपुर गांव में इस साल पहली बार भारिया महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन सांसद नकुलनाथ ने किया.

भारिया-बैगा संस्कृति बचाने की CM से अपील.

By

Published : Nov 15, 2019, 7:43 AM IST

छिंदवाड़ा: सतपुड़ा की वादियों में बसे पातालकोट की भारिया जनजाति और मैकल पर्वत श्रेणियों में रहने वाले आदिम जनजाति बैगा के अलावा दूसरी आदिवासी जनजातियों की संस्कृति और परम्परा को पुनजीर्वित और संरक्षण करने की दृष्टि से सरकार ने पातालकोट के चिमटीपुर गांव में पहली बार भारिया महोत्सव का आयोजन किया.

भारिया-बैगा संस्कृति बचाने की CM से अपील.

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के आदिम जनजातियों की कला और संस्कृति को संजोए रखने के साथ ही उनकी संस्कृति और नृत्य कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान कर उनकी पहचान सुनिश्चित करना है. महोत्सव को लेकर भारिया व बैगा में विशेष उत्साह है. जिसमें डिण्डौरी जिले के बैगा, जबकि पातालकोट क्षेत्र की भारिया जनजाति समाज ने शानदार प्रस्तुतियां दी. इसके अलावा गोंड जनजाति के कलाकारों ने भी अपनी पारंपरिक नृत्य व संगीत शैली से सबका मन मोह लिया.

ये महोत्सव 12 नवंबर से 13 नवंबर तक चला, जिसका उद्घाटन स्थानीय सांसद नकुलनाथ ने किया था. इस दौरान भारिया समाज की नेता इंदिरा भारती ने कहा कि आदिवासी समाज बहुत पिछड़ा हुआ है. उनकी शिक्षा और रोजगार के लिए वे लगातार सीएम कमलनाथ से गुहार लगा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस समाज की संस्कृति को संरक्षित के करने सरकार को प्रयास करने की जरुरत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details