लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी (Bharatiya Janata Party candidate) चुनने के लिए भाजपा ने अपने 64 सांसदों, 325 विधायकों, 95 जिलाध्यक्ष की ड्यूटी लगाई है. यही कोर टीम प्रत्येक शहर के वार्डों में प्रत्याशियों का चयन करेगी. उत्तर प्रदेश के दो हजार वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों का चयन किया जाना है. वैसे तो टिकट के लिए लंबी चौड़ी प्रक्रिया है, मगर वास्तविकता में इन्हीं तीन सदस्यों की कमेटी टिकट का फैसला करेगी. बाकी पार्टी अपने बूथ मजबूत करने में लगी हुई है. प्रदेश के शहरी निकाय क्षेत्र में 80 हजार बूथ हैं, जहां से फीड बैक लिए जाते हैं.
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव नवंबर में घोषित होंगे और दिसंबर में चुनावों का आयोजन होगा. उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम और करीब दो हजार वार्ड हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में नगर पालिका क्षेत्र भी हैं, टिकटों की बात शुरू हो चुकी है. हर गली नुक्कड़ पर होर्डिंग बैनर नजर आने लगे हैं. नेता अलग-अलग पार्टी से दावेदारी ठोक रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मारा मारी भारतीय जनता पार्टी में हो रही है. एक-एक वार्ड से भारतीय जनता पार्टी के लिए 10-10 दावेदार सामने आ रहे हैं. ऐसे में पार्टी के लिए निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी चुनना टेढ़ी खीर साबित होगा. इसको लेकर पार्टी ने कमर कस ली है.
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि टिकट को लेकर एक रणनीति तय कर दी गई है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनने के लिए भाजपा ने अपने 64 सांसदों, 325 विधायकों व 95 जिलाध्यक्ष की ड्यूटी लगाई है. यही कोर टीम प्रत्येक शहर के वार्डों में प्रत्याशियों का चयन करेगी. उत्तर प्रदेश के दो हजार वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों का चयन किया जाना है. वैसे तो टिकट के लिए लंबी चौड़ी प्रक्रिया है, लेकिन वास्तविकता में इन्हीं तीन सदस्यों की कमेटी टिकट का फैसला करेगी. बाकी पार्टी अपने बूथ मजबूत करने में लगी हुई है. प्रदेश के शहरी निकाय क्षेत्र में 80 हजार बूथ हैं, जहां से फीड बैक लिए जाते हैं.