लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) कुछ ही महीने बाद होने वाले हैं. इधर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) भी लगातार जारी है. ऐसे में योगी सरकार (Yogi Government) इस प्रयास में है कि किसान आंदोलन का असर विधानसभा चुनाव पर कम से कम पड़े. योगी सरकार किसान आंदोलन के असर को फीका करने की कोशिश में जुट गयी है. रणनीति के तहत सरकार किसान संगठनों के साथ मिलकर किसानों के बीच पहुंचेगी. किसानों को यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने उनकी भलाई के लिए क्या-क्या महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. जब विपक्षी दल सत्ता में थे तब उनकी सरकारों के दौरान किसान किस तरह से ठगे गए, कैसे उनकी सरकारों के दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच सका, यह सब बातें किसानों को बतायी जाएंगी. हालांकि आधिकारिक तौर पर भाजपा ने यह कभी स्वीकार नहीं किया है कि किसान पार्टी से नाराज हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए सरकार के मंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लगा दिया है. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, राधामोहन सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल के बाद पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह ने योगी सरकार के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों से बात की है. सभी को विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारी करने के लिए कहा गया है. भाजपा के एक सांसद ने बताया कि उन्हें किसानों और आम जनता के बीच जाने के लिए कहा गया है. वह कहते हैं कि प्रदेश के हर हिस्से में किसानों की नाराजगी नहीं है. पश्चिमी क्षेत्र में आंदोलन का हल्ला है. जमीन पर भाजपा के विरोध में किसान नहीं हैं. फिर भी भाजपा के खिलाफ जो हल्ला है, उसे समाप्त करने के लिए किसानों के बीच जाएंगे. हम आम जनता के बीच भी जा रहे हैं. अन्न वितरण केंद्रों पर भाजपा कार्यकर्ता, नेता, विधायक, सांसद, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंचे हैं.