लखनऊ: लॉकडाउन की वजह से पान की दुकानें भी बंद हैं. इसी वजह से पान की खेती करने वाले किसान हो या व्यापारी सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लखनऊ में पान खाने का चलन काफी पुराना है और हिंदू धर्म में पान का इस्तेमाल पूजा-अर्चना के लिए भी होता है. 20 अप्रैल के बाद भी व्यापारियों को उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही.
लखनऊ: लॉकडाउन में बन्द पान की दुकानें, व्यापारी और किसानों को हुआ भारी नुकसान
लॉकडाउन की वजह से हर क्षेत्र की तरह ही पान की खेती करने वाले किसान और व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना पान के पत्ते खेतों में ही सड़ जा रहे हैं. इसके साथ ही उनका कहना है कि आगे भी पान का व्यापार शुरू होने की उन्हे उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
देश में लॉकडाउन की वजह से काम काज ठप है. इससे पान की खेती करने वाले किसान और व्यापारियों को भी लॉकडाउन में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी के निगोहां क्षेत्र में आने वाले बैरीसालपुर गांव में पान की काफी खेती होती है. वहां पान की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि लॉकडाउन का बहुत बुरा असर पान की खेती पर पड़ा है. रोजाना होने वाली पान की बिक्री पूरी तरह बंद हो गई है. पान के पत्ते खेतों में ही सड़ रहे हैं.
इससे होने वाले नुकसान का अंदाज़ा लगा पाना भी मुश्किल है. अगर पान के व्यापारियों की माने तो मंडी से उन्हें पान को वापस उठाना पड़ गया, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है. व्यापारियों ने बताया कि पान की वैराइटी के हिसाब से उसकी कीमत तय होती है जो कि 150 रुपये टोकरी से लेकर 1000 रुपये तक है. व्यापारी बाहर से पान को खरीद कर आगे सप्लाई करते है. ऐसे में छोटे व्यापारियों का काफी पैसा भी फंसा हुआ है. जो लोग पान लॉकडाउन के पहले लाये थे वो अब घरों में रखे सड़ रहे हैं.