उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Medical News : गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे, इन समस्याओं में भी होता है इस्तेमाल

गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल गर्भधारण रोकने के साथ कई अन्य समस्याओं के निदान के लिए भी होता है. विशेषज्ञ डाॅक्टरों के अनुसार इन दवाओं का कोर्स विशेष अवधि और परिस्थिति में दिया जाता है. विशेषज्ञ डॉक्टर की राय के बाद ही कोर्स शुरू करें.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 8:37 PM IST

Medical News : गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे. देखें खबर

लखनऊ : गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल गर्भधारण न करने के अलावा कई अन्य बीमारियों में भी होता है. शायद आप जानते नहीं, कि इन दवाओं को विशेषज्ञ डॉक्टर उन महिलाओं को भी देते हैं जिनका पीरियड अनियमित होता है. अनियमित पीरियड एक बड़ी समस्या है. बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं जो अनियमित पीरियड से परेशान हैं. जिनको सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर गर्भनिरोधक गोली देती है तो वह चौंक जाती हैं, लेकिन बाद में विशेषण के डॉक्टर उन महिलाओं को बताती हैं कि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल अनियमित माहवारी के दौरान भी दिया जाता है. इसका तीन महीने का कोर्स होता है. इसके कई फायदे भी होते हैं.

Medical News : गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे.


महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता नेगी ने बताया कि गर्भनिरोधक गोलियों के कई फायदे हैं. कई दिक्कतों में इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है, जो काफी मददगार भी साबित होता है. गर्भनिरोधक गोलियां अनचाही प्रेगनेंसी के अलावा नियमित माहवारी, महावारी के दौरान होने वाले दर्द और यदि माहवारी के दौरान अधिक ब्लीडिंग हो रही है तो उसे भी नियंत्रित करने में मददगार हैं. कई बार अस्पताल की ओपीडी में जब महिलाएं या लड़कियां आती हैं जिन्हें माहवारी से संबंधित दिक्कतें होती हैं. उन्हें जब दवाई देते हैं तो वह दवा लेने में हिचकती है. महिलाएं पहला जवाब यही देती हैं कि यह दवा डॉक्टर अनचाही प्रेगनेंसी से बचाव के लिए है. उसके बाद हम उन्हें दवा डिब्बे में डालकर नहीं, बल्कि सिर्फ दवा का पत्ता निकाल कर देते हैं ताकि उन्हें बाहर ले जाते समय कोई दिक्कत न हो या फिर जब घर पर पहुंचे तो उनसे कोई सवाल-जवाब न करे.

Medical News : गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे.





कम होती है ब्लीडिंग


डॉ. अनीता नेगी के अनुसार हर महिला का बॉडी नेचर अलग होता है और उनकी क्षमता भी अलग होती है. किसी को माहवारी के दौरान अधिक ब्लीडिंग होती है तो किसी को बहुत कम होती है. ऐसे में इन दोनों ही परिस्थितियों में गर्भधारण के समय महिलाओं को दिक्कतें हो सकती है. कुछ महिलाएं शारीरिक और मानसिक तौर से स्वस्थ होती हैं और उनकी माहवारी प्राकृतिक की तरह ही होती है न अत्यधिक ब्लीडिंग और न ही कम होती है. वह स्वस्थ की श्रेणी में आती है और उन्हें गर्भधारण के समय भी कोई दिक्कत परेशानी नहीं होती है, लेकिन ऐसी महिलाएं जिनको बिल्कुल कम ब्लीडिंग होती है या जिनका बहुत अधिक बिल्डिंग होती है उनके लिए गर्भनिरोधक गोलियां उचित हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर उनका तीन महीने का कोर्स चलाती हैं फिर उसके बाद उनका माहवारी के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग नियंत्रित में रहता है.

यह भी पढ़ें : ई-ऑटो विक्रेता खरीदारों से कर रहे अतिरिक्त 50 हजार रुपये की वसूली, यूपी परिवहन आयुक्त से शिकायत

ABOUT THE AUTHOR

...view details