लखनऊ: भारत और पाकिस्तान के बीच 69 साल पहले हुए टेस्ट क्रिकेट मैच की याद टी-20 वर्ल्ड कप में चिर प्रतिद्वंद्वियों के बीच मुकाबले से ठीक पहले ताजा हो गई है. यह मुकाबला 1952 में 23 अक्टूबर को खेला गया था. वहीं, इस मुकाबले के शनिवार को 69 साल पूरे हो गए और आज रविवार यानी 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप टी-20 का मैच खेला जाना है. खैर, लखनऊ यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर खेला गया वो मुकाबला आज भी यादगार है, लेकिन अब ग्राउंड रिवर फ्रंट में तब्दील हो चुका है.
इस मुकाबले के सालों बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसकी यादें पुराने क्रिकेट प्रशंसकों के मन में आज एक बार फिर से ताजा हो उठी है. पूर्व क्रिकेटर समीर मिश्रा बताते हैं कि 2003 में पाकिस्तान के क्रिकेटर मुदस्सर नजर लखनऊ आए थे. नजर जब यहां आए थे तो वे इस मैदान को देखने के इच्छुक थे.
उसकी वजह यह थी कि उनके पिता नजर मोहम्मद ने 1952 में खेले गए टेस्ट मैच में शानदार शतक जमाया था. इस शतक की मदद से पाकिस्तान की टीम को भारत के खिलाफ पहली जीत का स्वाद चखने को मिला था.
लखनऊ ने किया 69 साल पूर्व खेले गए उस मैच को याद इसे भी पढ़ें - टी20 विश्व कप के महा मुकाबले में क्या होगी पाकिस्तान को चित करने की भारतीय रणनीति
जब उसने जमीन को चूम किया अपने पिता को याद
उन्होंने बताया कि नजर आश्चर्यचकित थे कि इतने बड़े ऐतिहासिक मैदान का यह हाल हो चुका है. उन्होंने यहां की थोड़ी सी मिट्टी अपने हाथ में उठाई और उसको अपने पास रख लिया. जमीन को चूम कर नजर ने तब कहा था कि उनका लखनऊ आना कामयाब हो गया.
लखनऊ ने किया 69 साल पूर्व खेले गए उस मैच को याद एलडीए कोचिंग सेंटर के हेड कोच गोपाल सिंह ने बताया कि यह उनके लिए भी यादगार लम्हा था. पहली बार उनको पता चला था कि एक टेस्ट मैच इस मैदान पर भी खेला गया है. मुदस्सर नजर बहुत प्रसन्न थे और उनको देखकर हम भी खुश थे कि एक विदेशी साथी को उसके पिता की उपलब्धि वाली जगह पर हम ले गए.
पाकिस्तान टीम की थी पहली टेस्ट जीत
1952 में पाकिस्तान पहली बार भारत के दौरे पर आया था. जहां पहला मैच दिल्ली में खेला गया था. जिसको पाक हार गया था. दूसरा मुकाबला लखनऊ में खेला गया और इसमें अपने टेस्ट इतिहास की पाकिस्तान को पहली जीत मिली थी. इसलिए आज भी यह मैदान यादगार है.
5 दिन का यह मुकाबला केवल 4 ही दिन चल सका था, क्योंकि भारतीय टीम दोनों पारी में 200 से अधिक रन नहीं बना पाई थी. पाकिस्तान के 300 से अधिक रनों के जवाब में वह पारी के अंतर से हार गई थी.
लखनऊ ने किया 69 साल पूर्व खेले गए उस मैच को याद 1960 की बाढ़ के बाद...
यह क्रिकेट मैदान 1960 में लखनऊ में आई भयानक बाढ़ के बाद समाप्त हो गया था. यूनिवर्सिटी और गोमती के बीच एक बांध बनाया गया, जिसके ऊपर एक सड़क है. इस सड़क के बनने के बाद या मैदान समाप्त हो गया. वरना गोमती के किनारे से शुरू होकर यूनिवर्सिटी तक समतल मैदान हुआ करता था.
इसके बाद लखनऊ में केडी सिंह बाबू स्टेडियम बना, जहां 1993 में भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट मैच खेला गया था. वर्तमान में शहीद पथ के इकाना स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेले जाते हैं.