लखनऊ: देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश दौरे के बहाने भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी लाभ लेने की जुगत में है. राष्ट्रपति के दौरे से भारतीय जनता पार्टी अपने दलित हितैषी की छवि में भी निखार लाने की कवायद में जुटी हुई है. भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति के कर कमलों से संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर राजधानी लखनऊ में एक सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करा के दलितों में बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश कर रही है.
अम्बेडकर के नाम पर सियासी लाभ लेने की कोशिश
भारतीय जनता पार्टी प्रतीकों की राजनीति करती है. ऐसे में अंबेडकर के नाम पर दलितों को और अधिक लुभाने और उन्हें पार्टी के पक्ष में लाने की कवायद में वह जुटी हुई है. यही कारण है कि राष्ट्रपति के कर कमलों से भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा पॉलिटिकल लाभ लेने वाला काम किया है. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर राजधानी लखनऊ के ऐशबाग क्षेत्र में 50 करोड़ लाख रुपये की लागत से अंबेडकर संस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास राष्ट्रपति से कराया. इसके माध्यम से भारतीय जनता पार्टी अपनी दलित हितैषी की छवि को और चमकाने की कोशिश कर रही है. जिससे उसे विधानसभा चुनाव 2022 में लाभ मिले और दलितों के सहारे उसकी चुनावी नैया एक बार फिर पार हो सके.
राष्ट्रपति के यूपी दौरे को भुनाने में भाजपा का फोकस
वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश में दलितों के वोट बैंक पर अपना एकाधिकार जताने वाली बहुजन समाज पार्टी पिछले कुछ समय से लगातार कमजोर होती चली जा रही है. ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी इसको भुनाने की कोशिश कर रही है और चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रपति के दौरे को भी भुनाने की कोशिश कर रही है. जिससे वह चुनाव में दलितों के बीच बड़ा संदेश पहुंचा सके. भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रतीकों की राजनीति के सहारे 2022 विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति के माध्यम से दलितों को और अधिक करीब लाने की कयावद कर रही है. यही बड़ा कारण है कि उसने राष्ट्रपति से अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास कराया और विधानसभा चुनाव से पहले 6 दिसंबर 2021 को इस अम्बेडकर सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण भी कराया जाएगा.
सियासी लाभ देने वाला हो सकता है राष्ट्रपति का यूपी दौरा
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का यूपी दौरा स्वाभाविक रूप से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा सियासी लाभ देने वाला साबित हो सकता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भले ही संवैधानिक पद पर बैठे हैं लेकिन, वह भारतीय जनता पार्टी से पहले जुड़े रहे हैं. अब जब वह उत्तर प्रदेश के दौरे पर अपने गृह जनपद गए और राजधानी लखनऊ आए, इस दौरान वह तमाम बुद्धिजीवियों से मिले. उन्होंने अंबेडकर संस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया तो स्वाभाविक रूप से इसका भारतीय जनता पार्टी को सियासी लाभ होगा.
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