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मोबाइल में स्कैन करें क्यूआर कोड, ट्रेन में पाएं बेडरोल से संबंधित पूरी जानकारी - क्यूआर कोड स्कैन सेवा

ट्रेनों में सफर के दौरान कंबल, चादर, तौलिया और कबर कब धुले है और कैसे पैकिंग हुई है. इसकी जानकारी मोबाइल में क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद मिल जाएगी. इसके लिए रेलवे क्यूआर कोड स्कैन सेवा शुरू करने जा रहा है.

मोबाइल में स्कैन करें क्यूआर कोड
मोबाइल में स्कैन करें क्यूआर कोड

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Published : Mar 25, 2023, 11:11 PM IST

लखनऊ: ट्रेनों में सफर के दौरान अक्सर यात्रियों की तरफ से कभी कंबल गंदा होना तो कभी चादर, कभी तकिया साफ न होने तो कभी तौलिया गंदा होने की शिकायतों का सामना रेलवे को करना पड़ता है. यात्रियों को सफर में इस तरह की कोई दिक्कत न हो, वे अपनी सीट पर कंबल, तकिया, चादर की पूरी जानकारी हासिल कर सकें. इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे एक नई सेवा शुरू करने जा रहा है. यह सेवा है क्यूआर कोड स्कैन सेवा. यात्री क्यूआर कोड स्कैन करेंगे वैसे ही उन्हें ट्रेनों में मिलने वाली चादर, कवर कंबल और तौलिया की धुलाई कब हुई है, कब पैकिंग हुई, लॉन्ड्री से कब भेजा गया है, पूरी जानकारी मिल जाएगी.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पहले चरण में चाराणसी की मैकेनाइज्ड लाउंड्री से इसका आगाज किया जा रहा है. इसके बाद लखनऊ और गोरखपुर की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में ये सुविधा प्रारंभ की जाएगी. इस क्यूआर कोड की सहायता से न सिर्फ बेडरोल की धुलाई और प्रयोग किये जाने संबंधी डिटेल रहेगी. बल्कि इसकी धुलाई की प्रक्रिया की पूरी वीडियो भी अपलोड होगी. जिससे यात्री देख सकें कि मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में धुलाई कैसे होती है. उनका कहना है कि जब यात्रियों की इस तरह की शिकायतें दूर होंगी, तो ट्रेन से सफर करने में उनका विश्वास और भी ज्यादा बढ़ेगा. जिसका फायदा रेलवे को ही मिलेगा.


रोजाना आ रहीं दर्जनों शिकायतें:ट्रेनों में बेडरोल गंदे होने संबंधी शिकायतें हर रोज दर्जनों की संख्या में रेलवे के ट्विटर हैंडल के साथ ही सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के अलावा हेल्पलाइन नंबर 139 पर दर्ज हो रही हैं. इस तरह की शिकायतों से रेलवे की छवि धूमिल हो रही है. छवि बेहतर करने के लिए अब रेलवे यात्रियों की शिकायतों को दूर करने के लिए बेहतर प्रयास करने में जुट गया है. जानकारी के मुताबिक हर रोज लखनऊ से गुजरने वाली ट्रेनों में छह दर्जन से ऊपर शिकायतें दर्ज होती हैं.

दो जनवरी को लखनऊ जंक्शन से वाराणसी सिटी जाने वाली 15008 कृषक एक्सप्रेस में गंदे कंबल की सप्लाई से तीन यात्रियों की तबियत बिगड़ गई थी. चादर गंदी होने के कारण यात्रियों को उल्टियां आनी शुरू हो गई थीं. बादशाहनगर स्टेशन पर ट्रेन को आधा घंटे रोककर उपचार कराया गया साथ ही गंदे बेडरोल बदलकर नए बेडरोल बिछाकर आगे के लिए रवाना किया गया. इसके बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने हर 30 दिन पर धुलने वाले कंबलों की सफाई 15 दिन में करने की शुरुआत की.

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