उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सड़क हादसे से बचने के लिए बरतें अतिरिक्त सतर्कता, जोखिम भरे हैं दो माह - दिसंबर और जनवरी माह

प्रदेश में ठंड और कोहरा (cold and fog in UP) बढ़ रहा है. दिसंबर और जनवरी माह को सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से सबसे जोखिम भरा समय माना जाता है. पिछले दो दिन से विभिन्न एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्जनों ऐसे हादसे हुए हैं. ऐसे में सतर्कता बरतने की ज्यादा जरूरत है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण...

ो

By

Published : Dec 21, 2022, 11:23 AM IST

लखनऊ :प्रदेश में ठंड और कोहरा (cold and fog in UP) बढ़ रहा है. लगभग एक माह भीषण ठंड और कोहरे की स्थिति रहने वाली है. कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो जाती है और सड़क हादसों में बेतहाशा इजाफा हो जाता है. इस स्थिति से हर एक व्यक्ति वाकिफ है, बावजूद इसके लोग पर्याप्त सतर्कता नहीं बरतते और घटनाओं का शिकार बनते हैं. सड़क मार्ग पर यात्रा करते समय यातायात नियमों का कढ़ाई से पालन करना चाहिए और जो भी संभव हो अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. यदि बहुत जरूरी न हो तो कोहरे के वक्त यात्रा करने से बचना चाहिए. वाहनों को नियंत्रित गति पर ही चलाना चाहिए, ताकि अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में हादसा न हो. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने भी पुलिस प्रशासन को सड़क सुरक्षा के उपाय करने के निर्देश दिए हैं और हादसे रोकने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए कहा है.


सड़क हादसा (फाइल फोटो)

दिसंबर और जनवरी माह को सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से सबसे जोखिम भरा समय माना जाता है. इसकी मुख्य वजह कोहरा ही होता है. वैसे भी सड़क हादसों को लेकर प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है. यदि वर्ष 2021 के बात करें, तो प्रदेश में हुई दुर्घटनाओं में 21000 से ज्यादा लोग मारे गए. यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है. दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोकना संभव है, लेकिन हादसों और मौतों की संख्या तो निश्चित रूप से घटाई ही जा सकती है. कोहरे की वजह से जो दुर्घटनाएं होती हैं, उनके दो मुख्य प्रमुख कारण हैं, पहला सड़क किनारे बिना किसी इंडिकेटर या लाइट वाहन खड़े करना और दूसरा कारण है बिना बैक लाइट वाली गाड़ियां व ट्रैक्टर ट्राॅलियां.

सड़क हादसा (फाइल फोटो)

पिछले दिनों लखनऊ और कानपुर में ट्रैक्टर ट्राॅलियों से दो बड़े हादसे हुए, जिनमें तमाम लोगों की मौतें हुईं और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए. यही नहीं पिछले दो दिन से विभिन्न एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्जनों ऐसे हादसे हुए हैं, जिनमें बैकलाइट न होने की वजह से पीछे से आ रहा वाहन आगे जा रहे वाहन से टकरा गया और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. लोगों की थोड़ी सी लापरवाही दूसरों के लिए जोखिम भरी साबित होती है. इसलिए हमेशा अपनी गाड़ी की बैक लाइट और इंडिकेटर आदि दुरुस्त रखें इससे आप ही नहीं औरों को भी जोखिम से बचने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही वाहनों को नियंत्रित गति में ही चलाना चाहिए. तेज रफ्तार अपने ही लिए नहीं दूसरे लोगों के लिए भी घातक है.

सड़क हादसा (फाइल फोटो)





हाईवे पर कोहरे की वजह से दृश्यता कम होने की स्थिति में सड़क पर बनी सफेद लाइन के साथ गाड़ी चलानी चाहिए. जलकुंड, नदियों और तालाबों के निकट गुजरते समय रफ्तार को हमेशा धीमा रखें, क्योंकि इन जगहों पर कोहरा और घना हो जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. अधिक कोहरे की स्थिति में गाड़ी के चारों इंडिकेटर एक साथ जलाकर चलें. रिफ्लेक्टर और रेडियम टेप गाड़ी के आगे और पीछे जरूर लगाएं, इससे लोगों को सहूलियत होती है. गाड़ी हमेशा अपनी लाइन में ही चलाएं और उचित जगह पर अपर और डीपर लाइट का प्रयोग करें. संभव हो तो कोहरे के दौरान गाड़ी में फॉग लाइट भी लगानी चाहिए. हाईवे पर गाड़ी मोड़ते समय अच्छी तरह देख लें कि दूर से कोई गाड़ी आ तो नहीं रही, क्योंकि प्रायः इसी दौरान हादसे होते हैं. वाहन चलाते समय बरती गईं यह सावधानियां न सिर्फ आपको, बल्कि अन्य लोगों की जान भी जोखिम से पड़ने से बचाएंगी.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में सरकारी एंबुलेंस को राहगीर लगा रहे धक्का, वीडियो वायरल

ABOUT THE AUTHOR

...view details