लखनऊ : राजधानी के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी का 25वां स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान मुख्य वक्ता प्रज्ञा प्रवाह अखिल भारतीय संयोजक नंद कुमार ने कहा कि बाबासाहेब के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय उनके आदर्शों के अनुरूप ही आगे बढ़ रहा है और प्रतिदिन प्रगति पथ पर अग्रसर है. इसके लिए समस्त विवि परिवार बधाई का पात्र है. बाबासाहेब ने स्वपरिश्रम के द्वारा जो ख्याति और सम्मान प्राप्त किया वह किसी सामान्य व्यक्ति के लिए मुश्किल कार्य है. अधिकांश लोग बाबासाहेब को सिर्फ संविधान निर्माता और हाशिये पर रह रहे समाज के उत्थान के लिए जानते हैं, मगर समाज में उनका योगदान इससे कहीं ज्यादा है. वे एक महान अर्थशास्त्री, संपादक, भाषाविद, कानून विद, संस्कृत के जानकार, दार्शनिक, एक महान नेता और एक महान व्यक्तित्व थे.
विवि परिसर में किया गया पौधरोपण. दरअसल नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आज बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ का 25वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. इस अवसर पर "स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर" थीम पर ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया. वहीं विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने बाबासाहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. इस अवसर पर कुलपति, शिक्षकों और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने विवि परिसर में पौधरोपण भी किया.
बाबासाहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण. देश की सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में नौवें पायदान पर बीबीएयू
गूगल मीट के माध्यम से आयोजित स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि, विवि के कुलाधिपति डॉ. प्रकाश सी. बरतूनिया ने अपना संदेश देते हुए सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में विश्वविद्यालय प्रगति कर रहा है, देश के सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में हमारे विवि ने नौंवे पायदान पर अपनी जगह बनाई है. विश्वविद्यालय को ग्रीन सर्टिफिकेट भी प्राप्त हुआ, एनआईआरएफ रैंकिंग भी सुधरी तथा यहां के 7 शिक्षक व कुलपति स्वयं विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हो कर विवि को नई पहचान दी है. इन सभी उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय परिवार बधाई का पात्र है. आज हम विश्वविद्यालय का 25वां स्थापना दिवस मना रहे हैं, सभी को बधाई देने का यह सबसे अच्छा अवसर है. उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से विश्वविद्यालय को यह उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं और आगे भी ऐसे ही हम परिश्रम के साथ आगे बढ़ेंगे और नई ऊंचाइयों को हासिल करेंगे.
गोद लेकर 5 गांवों का कर रहे उत्थान
वहीं कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि हम अपने विद्यार्थियों में "शिक्षार्थ आइए और सेवार्थ जाइये" का भाव विकसित कर रहे हैं. इस दिशा में विश्वविद्यालय में न सिर्फ शैक्षणिक कार्य बल्कि समाज कल्याण से जुड़े कार्य भी किए गए हैं. चाहे कोविड-19 व लॉकडाउन के दौरान हुई सामाजिक गतिविधियां हो या विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए 5 गांव के विकास से जुड़े कार्य हो. समय-समय पर विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी समाज की बेहतरी में अपना योगदान देते रहते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हम नए आयाम हासिल करें और अग्रणी विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो इसके लिए भी विश्वविद्यालय द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. हम, मैनेजमेंट में कैट के माध्यम से विद्यार्थियों को चयनित करने, विवि में तथा इसके सेटेलाइट कैंपस में भी नए विभाग शुरू करने, शैक्षिक गतिविधियां और बेहतर कैसे हो, इन सभी बिंदुओं पर विचार कर रहे हैं. डिफेन्स एजुकेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट के क्षेत्र में विस्तार के बारे में भी हम सोच रहे हैं. उन्होंने समस्त विश्वविद्यालय परिवार से संगठित होकर कार्य करने और नई ऊंचाइयों को छूने का आग्रह किया.
साथ ही प्रो. गोविंद जी पांडे ने सभी अतिथियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का कार्यक्रम में स्वागत किया और कार्यक्रम की विषय वस्तु के बारे में सभी को अवगत कराया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजश्री द्वारा किया गया. कार्यक्रम के अंत में डॉ. हरिशंकर सिंह ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.